सेल-बीएसपी का इस्पात अरुणाचल में सेला टनल को प्रदान कर रहा है मजबूती
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल प्रोजेक्ट के निर्माण में उपयोग के लिए 7,300 टन से अधिक इस्पात की आपूर्ति की है। पश्चिम कामेंग जिले में 13,700 फीट की ऊंचाई पर निर्मित टनल तेजपुर को तवांग से जोड़ेगी। दो टनल और एक लिंक रोड वाले इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
इस परियोजना से क्षेत्र में तेज और सुगम परिवहन संभव होगा। साथ ही टनल का देश के लिए रणनीतिक महत्व भी है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए इस टनल से तवांग तक की यात्रा के समय में लगभग 1 घंटे की कमी आएगी। सेला दर्रा सर्दियों में कुछ महीनों के लिए बंद रहता है। सेला टनल परियोजना, वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of actual control) की ओर सैन्य कर्मियों और उपकरणों की पूरे वर्ष सुगम आवाजाही उपलब्ध कराने के साथ ही पहुंच को आसान करेगा।
सेल के अन्य एकीकृत इस्पात संयंत्रों ने भी परियोजना के लिए स्टील की आपूर्ति की है, भिलाई स्टील प्लांट ने निर्दिष्ट ग्रेड में 6545 टन टीएमटी बार्स, कॉइल्स में 512 टन टीएमटी बार्स, 88 टन वायर रॉड, 46 टन एंगल्स और चैनल्स, 94 टन प्लेट्स और 22 टन जॉयस्ट की आपूर्ति सेला सुरंग परियोजना के निर्माण हेतु किया है।
सेल द्वारा आपूर्ति की गई इस्पात की कुल मात्रा 24,216 टन है। दुर्गापुर स्टील प्लांट और बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, सेल के अन्य दो इकाइयां हैं जो टीएमटी बार्स और रॉड्स का उत्पादन करते हैं, ने भी क्रमशः 8937 टन और 3118 टन टीएमटी बार्स की आपूर्ति की है। डीएसपी ने टनल परियोजना के लिए 3662 टन जॉयस्ट की आपूर्ति भी की है।
सेल की अन्य दो इकाइयों, बोकारो स्टील प्लांट और राउरकेला स्टील प्लांट, जो मुख्य रूप से फ्लैट प्रोडक्ट्स का उत्पादन करती हैं, ने भी सेला टनल परियोजना के लिए भी स्टील की आपूर्ति की है। बीएसएल ने 55 टन जीसी शीट, 145 टन एचआर शीट और 146 टन एचएसएम प्लेट की आपूर्ति की। आरएसपी ने अपनी प्लेट मिल से 51 टन एचएसएम प्लेट और 522 टन प्लेट की आपूर्ति की है।
उल्लेखनीय है कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और राष्ट्रीय महत्व की अन्य परियोजनाओं के लिए स्टील उपलब्ध कराया है। भिलाई ने निर्माणाधीन अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना में उपयोग के लिए अपने बार एंड रॉड मिल से अब तक 1,90,000 टन से अधिक टीएमटी बार की आपूर्ति की है तथा देश की राजधानी में प्रतिष्ठित सेंट्रल विस्टा परियोजना में उपयोग के लिए बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल दोनों से एचसीआर ग्रेड में लगभग 8500 टन टीएमटी बार की आपूर्ति की है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने समुद्र के ऊपर बने भारत के सबसे लंबे पुल ‘अटल सेतु’ में उपयोग हेतु भी 15,900 टन स्टील की आपूर्ति की है।
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बीएसपी कर्मचारी एस के डी मिश्रा हुए राज्य खेल अलंकरण समारोह में सम्मानित
छत्तीसगढ़ राज्य के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा मार्च 2024 को आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य खेल अलंकरण समारोह में भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी श्री एस के डी मिश्रा को शहीद विनोद चौबे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री मिश्रा को यह सम्मान एवं पुरस्कार 14 मार्च 2024 को वर्ष 2020-21 के लिए प्रदान किया गया। शहीद विनोद चौबे पुरस्कार, राज्य के उन पूर्व खिलाड़ियों को दिया जाता है जिनकी उम्र 55 वर्ष या उससे अधिक है, खिलाड़ी ने किसी अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लिया हो, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीता हो या खेल क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय सेवा की हो। इसके साथ ही सम्मानित खिलाडी को 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के वित्त विभाग के परियोजना अनुभाग में सीनियर सेक्शन असिस्टेंट के रूप में कार्यरत, श्री एस के डी मिश्रा एक अंतर्राष्ट्रीय हैंडबाल प्लेयर हैं। श्री एस के डी मिश्रा, वर्ष 1986 में भिलाई इस्पात संयंत्र से जुड़े और स्पोर्ट्स कोटा से जूनियर असिस्टेंट के रूप में अपना कार्यभार संभाला। श्री मिश्रा ने अब तक कई राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भाग लिया और विजयी होकर भिलाई इस्पात संयंत्र के साथ-साथ देश का भी नाम रौशन किया है। इन्होंने वर्ष 1990 में रूस में आयोजित सीनियर नेशनल हैंडबाल चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने एसपीएसबी अंतर इस्पात संयंत्र चैम्पियनशिप में भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रतिनिधित्व किया। श्री मिश्रा खेल क्षेत्र में कई मेडल और सम्मान प्राप्त किया और कुछ टूर्नामेंट्स में गोल्ड मेडलिस्ट रह कर देश को गौरवांवित किया। उन्होंने बतौर प्लेयर, कोच और रेफरी खेल जगत में अपनी छाप छोड़ी है ।
राज्य खेल अलंकरण समारोह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य, राज्य के खिलाड़ियों की उपलब्धियों को चिन्हित करते हुए उनकी प्रतिभा का सम्मान करना, उनकी पहचान करना और राज्य में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष राज्य खेल अलंकरण समारोह में, वर्ष 2019-20 और 2020-21 में उनकी उपलब्धियों के लिए राज्य के कुल 544 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। विजेताओं को नकद पुरस्कार, एक मानक प्रमाण पत्र, पट्टिका, एक ब्लेज़र और टाई प्रदान की गई है।
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दिनांक 10.04.2024
बीएसपी द्वारा संचालित ज्ञानोदय छात्रावास का होगा राजहरा छात्रावास में विलय
भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग (सीएसआर) द्वारा संचालित भिलाई स्थित ज्ञानोदय छात्रावास का विलय, राजहरा माइंस स्थित चित्रकोट छात्रावास में होने जा रहा है। यह निर्णय छात्रावास के बच्चों को और भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसका मुख्य कारण है, कि इन छात्रावासों में वनांचल क्षेत्र के विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती है। छात्रावास के विलय से उन्हें और भी आसानी होगी, वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और लोग शिक्षा के प्रति जागरूक भी होंगे, जो उनके सम्पूर्ण विकास में सहायक होगा।
संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा निम्न वर्ग को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, भिलाई सेक्टर-5 में ज्ञानोदय छात्रावास और राजहरा में चित्रकोट छात्रावास स्थापित किये गये थे। भिलाई स्थित छात्रावास में संयंत्र के परिधीय क्षेत्र व वनांचलों में रहने वाले विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं -12वीं में पढ़ने हेतु निःशुल्क आवास, शिक्षा, भोजन एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। साथ ही संध्या काल में आईआईटी, जेईई, नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा हेतु सालाना 24000 रूपए की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया के नियमानुसार 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। वही संयंत्र की दूसरी शाखा राजहरा स्थित छात्रावास में कक्षा 6वीं से 10वीं तक के बच्चों को निःशुल्क आवास, शिक्षा, भोजन के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करायी जाती है।
छात्रावास प्रभारी श्री विजयनाथ वर्मा ने बताया कि छात्रावास में वर्तमान सत्र के कुल 26 छात्र हैं, जिनमें से केवल 10 छात्र शेष रह गए हैं, जो जेईई की परीक्षा तिथि तक छात्रावास में ही रहकर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इनकी कोचिंग की सुविधा छात्रावास में ही उपलब्ध करायी गयी है। परीक्षा की तैयारी से लेकर छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुँचाने और वापस लाने के साथ ही भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करने का दायित्व भिलाई इस्पात संयंत्र का है।
परीक्षा उपरांत भिलाई के ज्ञानोदय छात्रावास को राजहरा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहाँ एक ही छात्रावास में कक्षा 6वीं से 12वी तक के बच्चों को निःशुल्क आवास के साथ शिक्षा, भोजन एवं अन्य सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। संयंत्र इस्पात उत्पादन के साथ–साथ बेहतर शिक्षा प्रदान करने हेतु सुदृढ़ कदम बढ़ा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसे ही नयी-नयी पहल का प्रयास करता रहता है, जिससे हर वर्ग, जाति, समुदाय के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपना सुनहरा भविष्य तैयार कर सके। संयंत्र के इन्ही प्रयासों का नतीजा है कि आज भिलाई, शिक्षा का हब है।
भिलाई इस्पात संयंत्र उन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में से एक है, जो भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। बीएसपी की सफलता के अनेकों उदाहरण हैं, और ऐसे अनोखे पहल में से भिलाई स्थित ज्ञानोदय छात्रावास एक है। इस छात्रावास से पढ़कर निकले विद्यार्थीयों में से कुछ इंजिनियर बने तो कुछ पुलिस बल के अच्छे पद पर कार्यरत है। कई छात्रों का चयन आईआईटी में भी हुआ है। इन छात्रों की उपलब्धियां बीएसपी के शिक्षा जगत में सफलता को दर्शाती है और इनकी सफलता बीएसपी को ऐसे अनेक पहलों के लिए प्रेरित करती है।
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दिनांक 10.04.2024
बीएसपी में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस व आम्बेडकर जयंती का आयोजन
भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस तथा संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर के राष्ट्र निर्माण में योगदान को स्मरण करने अम्बेडकर जयंती का आयोजन किया जाता है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर पूरे देश में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस की थीम ‘अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करें, राष्ट्र निर्माण में योगदान दें’ है। इस दिन अग्नि सुरक्षा के प्रति जनता में जागरूकता पैदा करने हेतु अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन केन्द्र परिसर में 14 अप्रैल को प्रातः 08:00 बजे से राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस का भव्य आयोजन किया जाएगा। अग्निशमन जवानों की शानदार परेड, अग्निशमन वाहनों, यंत्रों, सुरक्षा उपकरणों का बेहतरीन प्रदर्शन भी किया जाएगा। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा सेक्टर-6 स्थित बीएसपी हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रातः 10 बजे से आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहब आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
भिलाई अग्निशमन सेवा अपनी कार्य कुशलता और निपुणता को बरकरार रखते हुए आज देश के श्रेष्ठ औद्योगिक अग्निशमन सेवाओं में से एक है। अग्निशमन सेवा विभाग अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित होकर राष्ट्र के प्रति समर्पित है। भिलाई इस्पात संयंत्र के स्थापना काल से ही भिलाई अग्निशमन विभाग, भिलाई इस्पात संयंत्र के अलावा छत्तीसगढ़ में होने वाले अग्नि दुर्घटनाओं में भी अपनी विशेष सेवाएं प्रदान करते आ रहा है।
भिलाई अग्निशमन सेवा, संयंत्र एवं टाउनषिप क्षेत्र की अग्नि दुर्घटनाओं के अलावा राज्य शासन के बुलावे पर शहरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्रों की अग्नि दुर्घटनाओं को बुझाने में सहायता करता है। क्षेत्र की बड़ी अग्नि दुर्घटनाओं में विभाग द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान कर भारी क्षति से बचाया गया है।
विदित हो कि दिनांक 14 अप्रैल 1944 को मुम्बई डॉक यार्ड में हुई भीषण अग्नि दुर्घटना पर काबू पाते हुए 66 अग्निशमन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। बलिदान और शौर्य के इस पल को यादगार बनाए रखने तथा राष्ट्र की जन-धन की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले अग्निवीरों को भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित करने एवं अग्नि सुरक्षा के लिए जनता में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 14 अप्रैल को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शहीद अग्निवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ विविध प्रदर्शन के माध्यम से अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता तथा राष्ट्र एवं संयंत्र के जन धन की रक्षा पूरी तन्मयता से करने की शपथ ली जाती है।
अम्बेडकर जयंती
भारतरत्न डॉ भीमराव आम्बेडकर भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। इस वर्ष 134वीं आम्बेडकर जयंती का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन डॉ आम्बेडकर जी के कार्य, विचारधारा तथा उनके जीवन के संघर्ष को समाज के कल्याण हेतु लोगों तक पहुंचाया जाता है।
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