November 23, 2024

वैज्ञानिकों ने तैयार की नई वैक्सीन, आने वाले वक्त में कोरोना जैसी महामारियों से होगा बचाव

 कोरोना वायरस जैसी महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. बीते दिनों ब्रिटेन की कोर्ट में इसकी वैक्सीन एस्ट्रजेनेका को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ था. जिसमें ये सामने आया था कि इस वैक्सीन से शरीर में खून के थक्के जमने का खतरा बना रहता है और ये खतरा हार्ट अटैक के चांस बढ़ा देता है. भारत में इसी फॉर्मूले से कोविशील्ड भी बनी थी. लिहाजा चर्चा का विषय बन गया कि कोविशील्ड लगाने वालों को कितना खतरा है. इस बीच वैज्ञानिकों ने एक और टीका तैयार किया है. खास बात यह है कि यह टीका भविष्य में होने वाले कोरोना वायरस जैसी बीमारियों के खतरे से बचाने में मददगार साबित हो सकता है.

टीके को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों ने कई कोरोना वायरस से बचाने में मदद करने के लिए इसे इजात किया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये टीका उन रोगों से भी बचाव करेगा जिनके बारे में फिलहाल हम लोग जानते ही नहीं हैं.

कैलिफोर्नियां में तीन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों ने किया तैयार
कैलिफ़ोर्निया में ऑक्सफ़ोर्ड, कैम्ब्रिज और कैलटेक विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों की ओर से तैयार की जा रहे इस योजना का लक्ष्य अगले संभावित महामारी पैदा करने वाले रोगज़नक़ के ख़तरा बनने से पहले ‘सक्रिय रूप से’ एक टीका बनाना है.

बता दें कि फिलहाल इस टीके का इस्तेमाल सिर्फ चूहों पर किया गया है. जो कई अलग-अलग कोरोना वायरस के हिस्सों को पहचानने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित करके काम करता है, वायरस का एक परिवार जिसमें कोविड, सार्स और एमईआरएस शामिल हैं.

एक टीके में कई रोगों से मिलेगी सुरक्षा
इस नए टीके को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के टीके से लोगों को एक ही खुराक में कई प्रकार के कोरोना वायरस से बचाया जा सकता है, जिनमें सैद्धांतिक रूप से वे भी शामिल हैं जो वर्तमान में विज्ञान के लिए अज्ञात हैं.

वैक्सीन 8 कोरोना वायरस के हिस्सों को पहचानने में सक्षम 
तैयार किया गया टीका प्रोटीन की एक छोटी गेंद का उपयोग करके काम करता है, जिसे ‘क्वार्टेट नैनोकेज’ कहा जाता है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने एंटीजन को संलग्न करने के लिए जिसे वे ‘प्रोटीन सुपरग्लू’ कहते हैं, का उपयोग किया, जो ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करते हैं, जिससे यह रोगों से लड़ने में सक्षम होता है.  ये टीका प्रतिरक्षा प्रणाली को आठ कोरोना वायरस के हिस्सों को पहचानने में सक्षम बनाता है. इसमें कुछ ऐसे भी शामिल हैं जो  वर्तमान में केवल जंगली चमगादड़ों में पाए जाते हैं लेकिन सिद्धांत रूप में, भविष्य में मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं.

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के फार्माकोलॉजी विभाग में फार्माकोलॉजी में स्नातक शोधकर्ता और रिपोर्ट के पहले लेखक रोरी हिल्स के मुताबिक, ‘हमारा ध्यान एक वैक्सीन बनाने पर है जो हमें अगले कोरोनोवायरस  महामारी से बचाएगा और इसे पहले से ही तैयार कर लिया जाएगा. अध्ययन के वरिष्ठ लेखक, प्रोफेसर मार्क हॉवर्थ ने कहा कि परिणाम कोविड महामारी के सबसे बुरे दिनों के दौरान बनाए गए टीकों की तुलना में भी तेजी से नए टीके बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं.

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