सुबह इतने बजे खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट, 10 टन फूलों से की जा रही है सजावट
केदारनाथ उत्तराखंड राज्य में स्थित हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है. भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. केदारनाथ मंदिर के कपाट हर साल अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं. इस बार कपाट खुलने से पहले केदारनाथ मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा भी गौरीकुंड से केदारनाथ के लिये रवाना हो चुकी है. डोली में भगवान शिव की पिंडी स्थापित होती है. डोली को कंधे पर उठाकर श्रद्धालु केदारनाथ तक ले जाते हैं. डोली यात्रा हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है. श्रद्धालु इस यात्रा को जीवन में एक बार जरूर करना चाहते हैं. बाबा केदार की डोली केदारनाथ पहुंचने के बाद मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दी जाती है.
कब खुलेंगे बाबा केदरनाथ के कपाट
कल 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन सुबह सात बजकर पन्द्रह मिनट पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे.
भव्य सजावट की खासियत
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले केदारनाथ मंदिर फूलों से सजने लग गया है. मंदिर को सजाने के लिये फूल भी केदारनाथ पहुंच चुके हैं. मंदिर को लगभग दस टन फूलों से सजाया जायेगा.
बाबा केदार की डोली
बाबा केदार की डोली हिंदू धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक है. बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली तृतीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में करने के बाद केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई है. आज दोपहर को डोली केदारनाथ पहुंचेगी और मंदिर के भंडार गृह में विश्राम करेगी. कल सुबह अक्षया तृतीय के पावन पर्व पर सुबह सात बजकर पन्द्रह मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे. भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई हैं. आज दोपहर तक बाबा केदार की डोली भी केदारनाथ धाम पहुंच जाएगी. बाबा केदार की डोली आज केदारनाथ मंदिर के निकट भंडार गृह में ही रात्रि प्रवास करेगी.
बाबा केदार की डोली का श्रृंगार और आरती
आज सुबह गौरीकुंड में बाबा केदार की डोली का श्रृंगार करने के बाद आरती उतारी गई. जिसके बाद बाबा केदार की डोली हजारों भक्तों के साथ केदारनाथ धाम के लिये रवाना हुई. वहीं दूसरी ओर कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. भारी संख्या में मजदूर मंदिर को सजाने में जुटे हुये हैं. मंदिर को सजाने के लिये लगभग दस टन फूल मंदिर पहुंच चुके हैं.