अमृत सरोवर तालाब डुंडा एवं ग्राम भिनपुरी में नीम का पौधा रोपित
ग्रामवासियों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, जल सरक्षण के प्रति जागरूक किया और हरित भविष्य की शपथ भी दिलाई
“हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए पौधारोपण में योगदान दे: कलेक्टर शर्मा
बेमेतरा,- आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने अमृत सरोवर तालाब डुंडा एवं ग्राम भिनपुरी में नीम का पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामवासियों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, जल सरक्षण के प्रति जागरूक किया और हरित भविष्य की शपथ भी दिलाई।
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम “Land Restoration, Desertification And Drought Resilience” है। इस थीम का फोकस ‘हमारी भूमि’ नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर निपटने की क्षमता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह के समय हुआ, जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत,श्री टेकचन्द्र अग्रवाल, सहित वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सहित ग्राम भिनपुरी के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। कलेक्टर श्री शर्मा ने नीम का पौधा रोपते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए पौधारोपण में योगदान दे। पौधारोपण न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित करता है।”
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को साल में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि वे अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन करेंगे, प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे, जल संरक्षण करेंगे और अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे।
ग्रामवासियों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कलेक्टर के साथ मिलकर पौधारोपण में भाग लिया। ग्रामीणों ने भी पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कई सरकारी अधिकारी और समाजसेवी भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपनी सहभागिता से कार्यक्रम को सफल बनाया।
कलेक्टर श्री शर्मा ने अंत में कहा, “पर्यावरण दिवस केवल एक दिन के लिए नहीं बल्कि हर दिन मनाना चाहिए। हमें मिलकर एक स्वस्थ और हरित भविष्य का निर्माण करना है।” कार्यक्रम के समापन पर सभी ने पौधों की देखभाल का वचन देते हुए इस पहल को सफल बनाने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि इससे ग्रामवासियों में भी हरियाली बढ़ाने का उत्साह जागृत हुआ। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।