निर्माण कार्याें में लापरवाही बरतने वालों को कलेक्टर ने दी अंतिम चेतावनी।
जिला प्रशासन द्वारा जिले के विकास में सहभागिता देने स्थानीय उद्यमी तैयार किए जा रहे है ।
बीजापुर शासन के स्पष्ट निर्देशों के तहत पारदर्शिता के साथ सुशासन कर आम नागरिकों को अधिक से अधिक सुविधा प्राप्त हो सके।
हाल ही में हुई बस स्टैण्ड में दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना से यह तथ्य उजागर हुआ है कि शासकीय कार्यो में मैदानी क्षेत्रों में गंभीर अनियमितता की जा रही है।
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय द्वारा संबंधित निविदाकर्ता के साथ-साथ इस हेतु पर्यवेक्षण अधिकारियों को भी पुनः सचेत किया गया है कि अपने कार्य क्षेत्रों में कार्यो का नियमानुसार गुणवत्तापूर्वक समय-सीमा पर कार्य किया जाना सुनिश्चत करें। शासकीय कार्यो में कुछ सफल निविदाकर्ता कार्यादेश प्राप्त कर अवैध और अनुचित तरीके से पेटी ठेकेदारों से कार्य करवाते है जिससे इस तरह की घटना उत्पन्न होती है, गुणवत्ता भी प्रभावित होता है। कार्य भी समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाता पेटी ठेकेदार वाली पद्धति अपनाने वाले ठेकेदारों को पूरे बस्तर संभाग स्तर पर काली सूची ¼BLACK LISTED) कर कार्य को निरस्त किया जाएगा और उक्त घटना में संबंधितों पर कार्रवाई भी की जाएगी। निर्माण कार्य में नागरिक सूचना पटल का अनिवार्य रूप से प्रदर्शन करने के निर्देश दिए गए हैं।
निर्माण कार्यो की गुणवत्ता विशेषकर सुदूर क्षेत्रों के स्कूलों जहां आदिवासी बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। वहां किसी भी प्रकार के गुणवत्ता को कमी या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी संबंधितों को यह अंतिम चेतावनी दी गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि जिले के ज्यादातर कार्यो में स्थानीय लोगो की सहभागिता बहुत कम रहती है। स्थानीय लोगो की सहभागिता बढ़ाने जिला प्रशासन द्वारा जनजाति उद्यमी कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय स्तर पर उद्यमी तैयार किए जाएंगे जो यहां के विकास में सहभागी बनेगें तथा शासन की योजनाओं में स्थानीय बेरोजगार इंजीनियरों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।