सरकार और कारखाना प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियों का होगा पूरजोर विरोध – त्यागी
00 इस्पात नगरी में स्मेफी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
00 देश भर से पहुंचे प्रतिनिधियों ने रखी अपने क्षेत्र की मजदूर समस्या
भिलाई । इस्पात नगरी भिलाई में हिंद मजदूर सभा एवं इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन ( जेनेवा ) से संबद्ध स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( स्मेफी ) के नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक आज 23 जून 2024 को इंडियन कॉफी हाउस आकाशगंगा सुपेला भिलाई में संपन्न हुई। इस बैठक में पूरे देश भर से स्मेफी के पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए। स्मेफी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. डी. त्यागी ने सरकार और कारखाना प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियों का पूरजोर तरीके से विरोध करने का शंखनाद किया।
इस बैठक में स्मेफी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. डी. त्यागी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एच. एस. मिश्रा, शशाधर नायक, स्मेफी के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र लाल, राष्ट्रीय सचिव संजोत एस. वधावकर, संगठन सचिव प्रेमसिंह चन्देल, आर पी एस चौहान, प्रमोद सोलंकी, सुधीर भाटी, ओमप्रकाश, प्रशांत शेटटी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बैठक के शुरुआत में सभी अतिथियों का तिलक लगाकर व गुलाब के फूल से स्वागत किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. डी. त्यागी ने कहा कि केन्द्र व राज्य की सरकारें मजदूर और किसानों के हित पर लगातार कुठाराघात करने में लगी हुई है। गलत नीतियों के चलते मजदूर और किसानों की स्थिति पूरे देश में दयनीय हो गई है। सरकार और कारखाना प्रबंधन को मजदूरों के कल्याण हेतु नीति बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध किसी भी कारखाना प्रबंधन के लिए नहीं है। हम चाहते हैं उत्पादन के माध्यम से देश प्रगति करे। लेकिन ऐसी नीति बने जिससे मजदूर और किसानों की स्थिति में भी सुधार होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो शिवाय आंदोलन का रास्ता अपनाने के दूसरा विकल्प नहीं बचता। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने भी मजदूरों के साथ हो रहे ज्यादाती को लेकर सरकार और प्रबंधन को आड़े हाथों लिया।
राष्ट्रीय महासचिव संजय एस वधावकर के स्थान पर राष्ट्रीय सचिव संजोत एस वधावकर ने महासचिव का प्रतिवेदन पढ़ा और देश भर में महिलाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय महासचिव संजय एस वधावकर ने कार्यकारणी सदस्यों को सम्बोधित किया। इस दौरान श्री वधावकर ने आने वाले कठिन परिस्थितियों के लिए तैयार रहने को कहा। देश के हर क्षेत्र से आये डेलीगेटस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एस डी त्यागी के समक्ष अपने अपने अपने क्षेत्र की श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं को रखा। उपाध्यक्ष शशाधर नायक ने वेतन समझौते को जल्द से जल्द सम्पन्न कराने का अनुरोध किया। सुकान्त रक्षित ने भी आधे अधूरे वेज रिविजन का मुद्दा जोर शोर से रखा। राउरकेला के कार्यकारणी सदस्य प्रमोद कुमार दास ने सेल में फेस रीडिंग सिस्टम को प्रबंधन द्वारा जबरदस्ती कर्मचारियों पर थोपने का विरोध किया। संगठन सचिव प्रेम सिंह चन्देल ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत एचएससीएल जो आज भी अपने कर्मचारियों का अंतिम भुगतान भी नहीं कर पा रही है उसे कॉन्ट्रैक्ट में बीएसपी द्वारा कार्य दिया जा रहा और एचएससीएल द्वारा उस कार्य को पेटी कॉन्ट्रैक्टर को दिया जा रहा है । ऐसे में यदि पेटी कॉन्ट्रेक्टर के ठेके मजदूर की काम के दौरान मृत्यु हो जाती है तब उनके परिवार को नियमानुसार भी अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दर दर भटकना पड़ता है। इसलिए जरूरी होगा कि अनुकम्पा नियुक्ति सहित श्रम कानून के तहत मिलने वाले अन्य लाभ देने का नियम निर्धारित कर एचएससीएल को काम करने का कांट्रेक्ट संयंत्र प्रबंधन की ओर दिया जाना चाहिए। कार्यकारणी सदस्य देवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा प्रबंधन अपने आप को मालिक समझने की भूल करते हुए अपनी हठधर्मिता का प्रदर्शन कर कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं में लगातार कटौती कर रहा है। शिक्षा व मेडिकल के क्षेत्र में भी कटौती चालू है। एक समय भिलाई का अस्पताल आस पास के लोगों के लिए भी गौरव का विषय था, जो आज डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। साथ ही हर कार्य की आउट सोर्सिंग हो गई है। एक समय भिलाई में बी एस पी प्रबंधन द्वारा 52 विद्यालय संचालित होते थे जो आज मात्र 2 रह गया है। कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद मिश्रा व हरिराम यादव ने भी जल्द जल्द वेज रिवीजन पूर्ण करने व संयंत्र में हो रही दुर्घटना के बारे में चिंता व्यक्त की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एच एस मिश्रा ने देश भर से आये सभी अतिथियों का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया।