October 5, 2024

बीजापुर जिले में जल जीवन मिशन चढ़ा कमीशन खोरी की भेंट।

केंद्र सरकार से आई 361 करोड़ की राशि खत्म होने की कगार पर।

सुभम कंस्ट्रक्शन के द्वारा नेशनल हाइवे से लगे गांवों मे किया अधूरा कार्य,नही मिल रहा पानी।

बीजापुर जिले में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजन जल जीवन मिशन में विभाग के अधिकारी-इंजीनियर के साथ ठेकेदारों ने सिंडिकेट की तर्ज पर काम कर जमकर किया भरस्टाचार।जिसके चलते दो साल बाद भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।

बीजापुर जिले के 563 गांव के लिए 361 करोड़ की राशि फिर भी पानी को तरस गए ग्रामीण।केंद्र सरकार ने बीजापुर जिले के 563 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत हर घर मे शुद्ध पानी मिले इसके लिए 361 करोड़ की राशि जारी की लेकिन विभागीय अनदेखी एंव कमिशन खोरी की भेंट चढ़ी इस योजना को धरातल पर उतरने से पहले ही कागजो में पूर्ण कर लिया जबकि हकीकत में दो साल बाद भी कंही टूटे नल लगे तो कंही आधे अधूरे पाइप तो कंही टँकी तक नही लगी लेकिन उसके बाद भी कागजो में पूर्ण बता दिया गया

कागजी खेल इस कदर चला कि औपचरिकता पूरी करने सालों से खाली पड़े सरकारी खण्डर नुमा मकानों के सामने लगा दिए नल—-

जल जीवन मिशन में ठेकेदारों एवं विभागीय अधिकारियों के कमीशन चलते योजना को कागजो में जमलीनामा पहनाते हुए धराशायी किया गया।ऐसा ही नजारा भोपालपटनम ब्लाक के नेशनल हाइवे पर लगे सँगमपल्ली में देखने को मिला जंहा ठेकेदार सुभम कंस्ट्रक्शन और विभाग ने ओपचारिकता निभाते हुए लगभग 15 सालों से बन्द पड़े सरकारी खण्डर नुमा मकानों के सामने कई नल लगा दिए।

वँहा खड़े संतोष एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ये सरकारी मकान बीस साल पहले बने थे लेकिन इसमे कभी कोई नही रहा है और अब ये खण्डर बन चुके है इसमे गायों ओर मवेशियों का जमावड़ा रहता है फिर भी विभाग ने यंहा नल लगा दिए है लेकिन सिर्फ नल लगाए गए है इसमे दो साल से कभी पानी नही आया है

इससे साफ नजर आता है कि किंस तरह नल जल योजना को कागजो में पूर्ण करते हुए तय मापदंड को दरकिनार करते हुए बड़े भरस्टाचार को अंजाम दिया गया है

बॉक्स–मीडिया में आई रही खबरों को लेकर पीएचई के कार्यपालन अभियंता एस के नेताम ने मीडिया से कहा सारे कार्य पहले के है।पहले के अधिकारी क्या किये क्या नही इस संबंध में में कुछ नही कंहूँगा।में मार्च 2024 में यंहा आया हु,आने के पुराने कार्यो को दुरुस्त करने में लगा हु।कुछ ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।जिनसे कार्य ठीक करने नोटिस दिया गया है एवं जिन ठेकेदारों के कार्य गुणवत्ताहीन है उनके कार्यो को निरस्त करने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।