प्लेट मिल के लिए परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट वर्कशॉप आयोजित
वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में ‘समाधान’ के अंतर्गत आयोजित पहली परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट वर्कशॉप (पीआईडब्ल्यू) 12 जुलाई, 2024 को भिलाई प्रबंधन विकास केंद्र (बीएमडीसी) में आयोजित की गई। पीआईडब्ल्यू का विषय “बिना विलंब शुल्क के प्रतिदिन 4000 टन से अधिक प्लेटों का प्रेषण प्राप्त करना” था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में, मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) श्री आर के बिसारे उपस्थित थे।
बीएमडीसी में आयोजित इस कार्यशाला में प्लेट मिल, टी एंड डी, आरसीएल, मार्केटिंग, पीपीसी और डिस्पैच कोऑर्डिनेशन, एसआरएम-भिलाई सहित विभिन्न विभागों और शॉप्स के कुल 36 कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक (पीपीसी) श्री तुषार कांत, मुख्य महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) श्री एम के गोयल, महाप्रबंधक प्रभारी (टीएंडडी) श्री गोपीनाथ मलिक और प्रभारी (एसआरएम-भिलाई) श्री चंद्रेश कुमार ने कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित किया।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में हर साल परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य संयंत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों के लिए अनुकूल समाधान तलाशना है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 14 पीआईडब्ल्यू आयोजित किए गए, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 10 पीआईडब्ल्यू आयोजित किए गए थे।
कार्यशाला के आयोजन में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने वाले मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) श्री आर के बिसारे ने, निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी संबंधित मापदंडों में सुधार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य महाप्रबंधक (पीपीसी) श्री तुषार कांत ने डिस्पैच प्रक्रिया के दौरान शामिल सारे बिंदुओं और निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्बाध रूप से काम करने की आवश्यकता पर चर्चा की।
प्लेट मिल के शिपिंग क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले मुख्य महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) श्री एम के गोयल ने, सिस्टम में खामियों को दूर करने के लिए अपने अनुभव और विचार के साथ बहुमूल्य सुझाव भी साझा किये। उन्होंने सभी एक्शन पॉइंट को सही समय पर निष्पादित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
प्रभारी (एसआरएम-भिलाई) श्री चंद्रेश कुमार ने “आफ्टर सेल सर्विस” पर जोर दिया और कहा कि समय पर डिस्पैच सायकल को सुनिश्चित करने के लिए देरी और विलंब से बचने के लिए आवश्यक दस्तावेज भी समय पर प्रस्तुत किए जाना चाहिए।
कार्यशाला में बीआरएम, यूआरएम और एमडब्ल्यूआरएम के फिनिशिंग और शिपिंग अनुभागों के प्रतिभागियों ने भी अपने विचार और अनुभव साझा किए। आरंभ में समाधान कार्यशाला के कार्यक्रम समन्वयक और फैसिलिटेटर, उप महाप्रबंधक (एचआर-एलएंडडी) श्री मुकुल सहारिया ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला के उद्देश्य और विषय के महत्व पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
कार्यशाला के दूसरे भाग में, छह-छह के समूहों में विभाजित प्रतिभागियों ने प्लेट मिल, पीपीसी, टीएंडडी, आरसीएल, एसआरएम-भिलाई के मुख्य महाप्रबंधकों/विभागाध्यक्षों के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी तथा बिना विलंब शुल्क के प्रतिदिन 4000 टन डिस्पैच का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपनी कार्ययोजनायें भी प्रस्तुत की। कार्यशाला के अंत में में उप महाप्रबंधक (एचआर-एलएंडडी) श्री मुकुल सहारिया ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि बीएसपी जैसे स्टील प्लांट में ऐसे प्रॉब्लम सॉल्विंग एक्सरसाईज बेहतर निष्पादन के लिए आवश्यक है। इस पीआईडब्ल्यू के माध्यम से बिना किसी विलंब शुल्क के 4000 टन डिस्पैच प्राप्त करने के उद्देश्य से, विभागों के क्रॉस फंक्शनल सेक्शन से प्रतिभागियों को लेकर एक रिजल्ट ओरिएंटेड एचआरडी-इन्टर्वेंशन शुरू किया गया है। जिसमें प्रतिभागियों ने समस्याओं का पता लगाने और वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से, एक विशिष्ट और ठोस कार्य योजना के माध्यम से समाधान सुझाने के तरीकों की खोज करने के लिए पूरी स्वतंत्रता और अधिकार के साथ विषय वस्तु पर सामूहिक विचार-मंथन किया।