प्याज-टमाटर के बाद दालों के रेट भी आएंगे नीचे! सरकार ने बना दिया फुल प्रूफ प्लान
आम आदमी पर महंगाई की चौतरफा पड़ रही है. दालों की कीमत में तेजी आने के बाद इस समय सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. टमाटर 100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. प्याज और टमाटर की कीमत पर सरकार की तरफ से पिछले दिनों कहा गया कि आंध्र प्रदेश से टमाटर की सप्ताई शुरू होने पर कीमत नीचे आ जाएंगी. इसके अलावा सरकार पिछले साल की तरह सरकारी एजेंसियों के जरिये सब्सिडाइज रेट पर टमाटर और प्याज की बिक्री करने का भी प्लान कर रही है. सब्जियों की कीमत में तेजी आने का ही असर है कि जून की खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 5 प्रतिशत के पार चला गया है.
अब सरकार की दाल की कीमत में कमी लाने की तैयारी कर ली है. पिछले एक महीने में दालों की थोक कीमत में गिरावट आई है लेकिन इसका असर फुटकर बाजार में नहीं देखा जा रहा. इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि पिछले एक महीने में थोक बाजार में करीब 4 प्रतिशत की कमी आई है. लेकिन थोक बाजार के मुकाबले रिटेल मार्केट में अरहर, उड़द और चना दाल में गिरावट नहीं देखी गई है. ऐसे में सरकार ने खुदरा विक्रेताओं से ग्राहकों को राहत देने के लिए उचित प्राफिट वसूलने के लिए कहा है.
सरकार ने चेतावनी दी है कि बाजार खिलाड़ियों द्वारा सट्टेबाजी और मुनाफाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंगलवार को उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दालों के मूल्यों पर चर्चा करने के लिए रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) के साथ बैठक की. उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में अरहर और चने के लिए स्टॉक लिमिट के अनुपालन की समीक्षा की गई. बैठक में आरएआई, रिलायंस रिटेल, डी-मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर, आरएसपीजी और वी-मार्ट के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
आरएआई (RAI) के 2,300 से अधिक सदस्य हैं. देशभर में इसकी 6,00,000 से अधिक खुदरा दुकानें हैं. एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘सचिव ने जानकारी दी कि पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत की गिरावट आई है. लेकिन रिटेल मार्केट में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है.’ बयान में कहा गया कि ‘उन्होंने थोक मंडी कीमत और खुदरा कीमत के बीच अलग-अलग प्रवृत्तियों की तरफ इशारा किया, इससे लगता है कि खुदरा विक्रेताओं को ज्यादा लाभ मार्जिन मिल रहा है.’
वर्तमान मूल्य परिदृश्य और खरीफ फसल के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए खरे ने खुदरा उद्योग से दालों की कीमत को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयास में हरसंभव सहायता देने के लिए कहा. बयान में कहा गया कि ‘खुदरा उद्योग के प्रतिभागियों ने भरोसा दिया कि वे अपने खुदरा मार्जिन में आवश्यक समायोजन करेंगे और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर कीमतें उपलब्ध कराने के लिए इसे नाममात्र के स्तर पर बनाए रखेंगे.’