4 साल पहले बनी पुलिया हल्की बारिश में बह गई।
खेत में पानी घुसने से फसल बर्बाद,गुणवत्ता पर उठे सवाल
बीजापुर-इस तस्वीर से भ्रष्टाचार किस चरम पर है सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।आज हम भ्रष्टाचार की ऐसी तस्वीर दिखा रहे हैं, जो विकास के लाख दावों की पोल खोल कर रख देगी।महज हल्की बारिश से ही पीएमजीएसवाई सड़क पर बनी पुलिया सूखे पत्ते की तरह बह गई और किसान के खेत में मलबे का ढेर लग गया।मलबे की ढेर ने किसान के सालभर की पूंजी को बर्बाद कर दिया, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करता है।
हम बात कर रहे हैं जिले के भोपालपटनम ब्लॉक पीएमजीएसवाय के तहत दमपाया से सांड्रापल्ली,यापला और बन्देपारा जाने वाली सड़क पर बसे गांव सांड्रापल्ली की है।जहां पीएमजीएसवाई ने 4 साल पहले पुलिया का निर्माण कराया था। निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार इस कदर हावी था कि हल्की बारिश से ही पुलिया ढह गई।
जिले के भोपालपटनम ब्लॉक में ठेकेदार गुप्ता कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाया गया एक प्रधानमंत्री सड़क दमपाया के सांड्रापल्ली और यापला से बन्देपारा को जोड़ती है।इस पर बना एक पुलिया महज थोड़ी सी बारिश में ही बह गई।इससे लोगों का आवगमन बाधित होने के साथ कनेक्शन भी टूट गया।पर जो तस्वीर सामने आई है,वो ये बता रही कि करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़कों पर विकास के मानक क्या होते हैं,गुणवत्ता किस दर्जे की होती है कि थोड़ी सी बारिश में सब कुछ बह जाती है।
सांड्रापल्ली के ग्रामीणों ने बताया इस सड़क और पुलिया को बने महज 4 साल ही हुए होंगे,चार साल के अंदर यह पुलिया दो बार टूट गया है।पुलिया टूटने की वजह से पानी खेत मे चला गया और फसल बर्बाद भी होगया।आने जाने में बहहत परेशानी होती है।शासन प्रशासन से माग करते है इस पुलिया के निर्मण कर दोषी ठेकेदार,इंजीनियर जडियो पर कार्यवाही करे।
सूत्रों की माने तो PMGSY के एसडीओ ठेकेदार ठेकेदार से मिल इस पुलिया के निर्माण किया था,जो पिछले दो साल से बारिश में पुलिया बह जाता है।पुलिया निर्माण में किस कदर भ्रस्टाचार किया गया है इसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है।जब विभाग के अफसर ही ठेकेदार से मिल इस तरह भ्रस्टाचात कर घटिया निर्माण करेंगे तो फिर दुसरो को बोलना बेमानी होगी।ऐसे ठेकेदार से राशि वसूल करने के साथ ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही करनी चाहिए साथ ही विभाग के अफसर पर निलबंन की कार्यवाही करते हुए विभागीय जांच कर उचित कार्यवाही करनी चाहिए।लेकिन सवाल यह खड़े होता है कि क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही होगी या फिर जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर दिया जाएगा।