भिलाई इस्पात संयंत्र ने ‘इनोवेटिव वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नोलाॅजी’ के लिए ग्रीनटेक अवार्ड प्राप्त किया
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र को ‘ग्रीनटेक पीसीडब्ल्यूआर अवार्ड्स 2024’ की ‘इनोवेटिव वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी’ श्रेणी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए विजेता का पुरस्कार दिया गया। 27 जुलाई 2024 को गुवाहाटी, असम में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा प्रदत्त यह पुरस्कार भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से पर्यावरण प्रबंधन विभाग की सहायक महाप्रबंधक सुश्री अनुराधा बिट्टा और ब्लास्ट फर्नेस की वरिष्ठ प्रबंधक सुश्री श्रद्धा सिंह ने प्राप्त किया।
आईएएस, एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, पर्यावरण एवं वन (असम सरकार) श्री रविशंकर, चेयरमेन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (असम) श्री अरूप कुमार मिश्रा, चेयरमेन, गोवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री महेश पलटिल, चेयरमेन, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ असरश पाल विग और सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (असम) श्री शांतनु कुमार दत्ता ने ग्रीनटेक पीसीडब्ल्यूआर पुरस्कार 2024 प्रदान किया।
भिलाई इस्पात संयंत्र को हाल के दिनों में वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए गए कई पहलों के लिए “इनोवेटिव वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नोलाॅजी” श्रेणी में विजेता का पुरस्कार दिया गया है। इसके अंतर्गत बीओएफ स्लैग को पेवर ब्लॉक में परिवर्तित करना शामिल है जिसके लिए जून 2023 में संयंत्र के भीतर सेल ग्रीन टाइल्स प्लांट (एसजीटीपी) का उद्घाटन किया गया था। एसजीटीपी में उत्पादित पेवर ब्लॉकों का उपयोग संयंत्र के अंदर और टाउनशिप क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
संयंत्र द्वारा स्थापित एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना पीसीबी अपशिष्ट निपटान सुविधा है जो अक्टूबर 2023 से प्रारंभ कर दी गई है और इस सुविधा के माध्यम से अब तक पुराने ट्रांसफार्मर से निकले 90 टन से अधिक हानिकारक अपशिष्ट तेल का पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निपटान किया जा चुका है।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने ब्लास्ट फर्नेस रनर्स में रनर सामग्री के रूप में प्रयोग होने वाली नदी की रेत को एलडी-स्लैग से प्रतिस्थापित करने के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है। अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में उठाया गए एक और पहल के तहत म्यूनिसिपल साॅलिड वेस्ट से अलग किए गए प्लास्टिक से निर्मित प्लास्टिक ग्रेन्युल्स का कोक ओवन में को-प्रोसेसिंग के लिए सफल परीक्षण किया गया है।