November 15, 2024

छत्तीसगढ़ काँग्रेस का प्रशिक्षण शिविर- कार्यकर्ताओं में जोश भरने या असंतुष्टों को मनाने के लिए

रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पिछले दो दिन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के अनुभवी और दिग्गज नेताओं के द्वारा कार्यकर्ताओं को सरकार के कार्यों को, सरकार की योजनाओं को अच्छे तरीके से सही समय पर लोगो तक कैसे पहुँचाया जाए इस बात का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही साथ यह भी सिखाया जा रहा है कि विपक्ष को किस तरह उचित जवाब दिया जाए जिससे विपक्ष सरकार को बदनाम करने में सफल न हो सके। किन्तु इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है कि कही प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से पार्टी में अंतर्कलह पैदा करने वाले असंतुष्ट विधायकों, नेताओं को ,बचे निगम-मंडलो में नियुक्ति नही मिलने वालों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि पूरे प्रदेश के नेता इस बहुप्रतीक्षित नियुक्ति को लेकर सपने बुनते आ रहे है, वर्षो की मेहनत और इच्छा पूर्ति के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। किन्तु इनका इंतजार खत्म ही नही हो रहा है। भूपेश बघेल कितने स्पष्ट और कड़े निर्णय लेने वाले नेता है यह सभी जानते है। जब से प्रदेश प्रभारी पी. एल. पुनिया रायपुर आये है निगम-मंडल के इच्छुक दावेदार लगातार अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए उनसे मिल रहे हैं। प्रदेश प्रभारी के द्वारा यह कहा जा रहा है कि नियुक्ति की दूसरी सूची तैयार की जा चुकी है और जैसे ही आलाकमान की सहमति मिलेगी नामों की घोषणा कर दी जाएगी। नियुक्ति में देरी होने का विशेष कारण वैश्विक महामारी है। कोविड के कारण प्रदेश में राजस्व की कमी आई , लोग एक दूसरे से मिल भी नही पा रहे थे। यदि ऐसी विषम परिस्थिति में निगम-मण्डल में नियुक्ति की जाती तो प्रदेश पर बहुत बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो जाता। विपक्षी दल भाजपा भी कांग्रेस पार्टी के इस अंतर्कलह की आग में हाथ सेंकने का अवसर नही गंवाना चाहती है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी बगावत को रोकने के लिए डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास कर रही है क्योंकि उन्हें पता है कि पार्टी में उपेक्षित कार्यकर्ता और नेता पार्टी के साथ साथ सरकार से भी नाराज़ है। कही अगर प्रदेश कांग्रेस में बगावत हुई तो पार्टी को बहुत क्षति पहुंचेगी। कांग्रेस का कहना है कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और भाजपा को अपनी पार्टी के नेताओ पर नज़र रखनी चाहिए।

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