सरकार ने किया गौठान बंद, खेतों की फसल चर रहे आवारा मवेशी, नाराज किसानों का अल्टीमेटम 15 तक सुधारे व्यवस्था नहीं तो एसडीएम कार्यालय के सामने छोड़ेंगे मवेशी*
*पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसानों ने बताई व्यथा*
*16 अगस्त को पाटन में एसडीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन का बड़ा फैसलान*
*पाटन विधानसभा। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों की फसलों की सुरक्षा और आवारा मवेशियों पर नियंत्रण के लिए रोका-छेका अभियान के साथ लगभग हर गांव में गौठान का निर्माण कराया है। इससे न सिर्फ फसल चराई की समस्या खत्म हो गई थी, बल्कि गौठानों के माध्यम से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा था, लेकिन मौजूदा विष्णुदेव साय सरकार ने इन गौठानों को बंद कर दिया है। इससे मवेशी एक बार फिर सड़कों में आ गए हैं। इसका खामियाजा किसानों को फसल चराई के रूप में उठाना पड़ रहा है। आवारा मवेशियों के फसल चराई से परेशान पाटन विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री भूपेश बघेल को भिलाई-तीन आवास पहुंचकर परेशानी बताई।किसानों ने बताया कि खेतों में यह समय फसल के ग्रोथ का है। ऐसे में अब चराई से भविष्य में फसल की भरपाई संभव नहीं होगा। दूसरी ओर शासन प्रशासन द्वारा न तो गौठानों को शुरू करने पर ध्यान दिया जा रहा है और न ही आवारा मवेशियों पर नियंत्रण के लिए कोई भी उपाय किया जा रहा है। इसके चलते मवेशी चारे की तलाश में दिन में खेतों का रूख कर लेते हंै और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं रात को मवेशी सड़कों पर कब्जा जमा लेते हैं, इससे दुर्घटना की स्थिति बनती है। किसानों का कहना था कि कांग्रेस शासनकाल में बेहतर ढंग से चल रहे गौठानों को बंद करने का फैसला सरकार ने किया है, ऐसे में अब आवारा मवेशियों पर नियंत्रण की जिम्मेदारी भी सरकार की है, लेकिन न तो सरकार के प्रतिनिधि इस पर ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी इसे गंभीरता से ले रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि आवारा मवेशियों के कारण फसल क्षति और सड़क दुर्घटनाओं को लेकर सरकार का ध्यान लगातार आकृष्ट कराया जा रहा है, लेकिन साय सरकार की प्राथमिकता में किसान और उनकी फसल नहीं है, इसलिए इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि गौठान केवल इसलिए बंद कर दिया गया है क्योकि यह कांग्रेस सरकार की योजना है। उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने किसानों के आगे आने पर जोर दिया। इस पर किसानों ने पाटन में विधानसभा स्तरीय प्रदर्शन का निर्णय किया। प्रदर्शन से पहले कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्षों के माध्यम से एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर 15 अगस्त से पहले व्यवस्था दुरूस्त करने की जाएगी। 15 अगस्त तक व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर 16 अगस्त को पाटन में एसडीएम कार्यालय के सामने मवेशियों के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए किसान और कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र से मवेशी लेकर प्रदर्शन में पहुंचेंगे।
0 भारतमाला का मुआवजा मिला नहीं, अब निर्माण से परेशानी 0
किसानों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष पाटन में भारतमाला परियोजना की सड़क को लेकर भी परेशानी रखी। किसानों ने बताया कि सड़क के लिए जमीन देने वाले कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिला है। वहीं अब बेतरतीब निर्माण से क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इससे कई इलाकों में खेतों में निकासी नहीं होने से जलभराव हो रहा है। वहीं कई इलाकों के खेतों में आवाजाही का रास्ता बंद हो गया है। इन मामलों को भी प्रदर्शन में उठाने का फैसला किया गया।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा, ब्लाक अध्यक्ष राजेश ठाकुर, अपेक्स बैंक के पूर्व डायरेक्टर राकेश ठाकुर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष जवाहर वर्मा, कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष अश्वनी साहू, जिला पंचायत के सभापति अशोक साहू, मोनू साहू, कुम्हारी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर, अजय सिंगौर, उमाकांत चंद्राकर, प्रमोद राजपूत, धनेश पटेल, फुसनू कुर्रे, जनपद उपाध्यक्ष देवेंद्र चंद्रवंशी, किसान नेता पुरुषोत्तम तिवारी, शाकंभरी बोर्ड के पूर्व सदस्य पवन पटेल, मत्स्य बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष देवकुमार निषाद, जनपद सदस्य खिलेश मारकंडेय, रूपचंद साहू, दिनेश साहू, प्रशांत शुक्ला, अंशु रजक, नीरज सोनी, विष्णु चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे*