November 23, 2024

फिर लिखी चि_ी पीएम मोदी सीएम को ममता बनर्जी ने

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप हत्या के मामले में हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि, उन्होंने पहले दुष्कर्म के मामलों के लिए कड़े केंद्रीय कानून और अपराधियों के लिए अनुकरणीय सजा का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को कड़ी सजा देने की आवश्यकता के संबंध में आप कृपया 22 अगस्त, 2024 के मेरे पत्र संख्या 44-सीएम (प्रतिलिपि संलग्न) का संज्ञान ले सकते हैं. इतने संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला.
हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से एक जवाब मिला है, जो पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल से दर्शाता है. ममता बनर्जी ने कहा कि, मेरा विचार है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता की पर्याप्त सराहना नहीं की गई है. इतना ही नहीं, मैं इस क्षेत्र में कुछ पहलों का भी उल्लेख करूंगा जो हमारे राज्य ने पहले ही की हैं, जिन्हें उत्तर में नजरअंदाज कर दिया गया है.
ममता बनर्जी ने इस पत्र में आगे लिखा है कि, राज्य सरकार ने 10 विशेष पोक्सो अदालतों को मंजूरी दी है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि राज्य में 88 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें और 62 पोक्सो -नामित अदालतें राज्य भर में काम कर रही हैं जिनका पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है. इन अदालतों की निगरानी में मामलों का निपटान किया जा रहा है.
सीएम ममता ने आगे लिखा है कि, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को एफटीएससी में पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए, स्थायी न्यायिक अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है. इसके लिए भारत सरकार के स्तर पर परीक्षण और उसके बाद उचित कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसके लिए आपका हस्तक्षेप आवश्यक होगा.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा है कि, इसके साथ ही राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 ठीक से काम कर रही हैं, इसके अलावा आपातकालीन स्थितियों में डायल-100 का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है.