November 25, 2024

छत्तीसगढ़ में अब कोई नहीं रहेगा अनपढ़, ”उल्लास साक्षरता केंद्र” से 10 लाख लोग एक साथ होंगे साक्षर

सिर्फ डिग्री और नौकरी के लिए नहीं शिक्षा

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शिक्षा विकास का मूल मंत्र है. मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में विकास करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी है. शिक्षा प्राप्त करके डिग्री हासिल करना और सरकारी नौकरी प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में चाहे वह व्यापार, समाज सेवा है या राजनीति का क्षेत्र हो सभी के लिए शिक्षा जरूरी है.

सीएम ने बताया- क्यों जरूरी है पढ़ना लिखना

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यह देश शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अग्रणी रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का काम अच्छा हो रहा है. मुख्यमंत्री साय ने अपने अनुभव को साझा करते हुए दो-तीन उदाहरण बताए, जिसमें उन्होंने असाक्षर लोगों के साथ होने वाली घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यदि वे साक्षर होते तो ऐसे धोखाधड़ी से बच सकते थे. इसलिए सभी असाक्षर लोगों को साक्षर होना अति आवश्यक है.

सीएम साय ने बागबाहरा की नव साक्षर शांति देवी ठाकुर का किया सम्मान

सीएम साय ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि दुनिया में शिक्षा एक ऐसी चीज है जो बांटने से बढ़ती है. हमारे आसपास जितने भी असाक्षर लोग है उनको साक्षर करना है. हम लोगों ने 10 लाख लोगों को साक्षर करने का बीड़ा उठाया है. इस लक्ष्य से अधिक लोगों को कर पाएंगे तो और अच्छा होगा. सीएम ने कहा महासमुंद जिले के बागबाहरा निवासी नव साक्षर शांति देवी ठाकुर जिनके हाथ नहीं है.वह साक्षर होकर पांव से लिखती है.उनकी लिखावट भी बड़ी अच्छी है.यह देखकर हमें बड़ी खुशी हो रही है.

सीएम साय ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा शिक्षा के नवाचारी सोच के तहत पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है. पीएम की मंशानुसार हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है. छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल पीएम श्री योजना के तहत संचालित किए जा रहे हैं.