सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी, “पर्सनल लॉ बाल विवाह वाले कानून पर असर नहीं डाल सकता”
सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह पर रोक लगाने के आदेश को लागू करने के लिए सभी विभागों को विशेष प्रशिक्षण की जरूरत है. दंडात्मक उपायों से सफलता नहीं मिलती है, और समाज की स्थिति को समझकर रणनीति बनाएं. संसदीय कमिटी बाल विवाह को पर्सनल लॉ से ऊपर रखने का मसला लंबित है, इसलिए कोर्ट इस पर टिप्पणी नहीं कर रहा है. लेकिन कम उम्र में शादी करना वास्तव में लोगों को अपने पसंद का जीवनसाथी चुनने से वंचित करता है.