एन. रघुरामन का कॉलम: अपने उत्पाद को भीड़ सेअलग बनाने के लिए नए तरीकों के बारे में सोचते रहें
एन. रघुरामन का कॉलम: अपने उत्पाद को भीड़ सेअलग बनाने के लिए नए तरीकों के बारे में सोचते
न हीं मैं स्कूल्स में क्रेच की बात नहीं कर रहा हूं, जो माता-पिता के दफ्तर जाने पर बच्चों की देखभाल करते हैं या पिछले साल के छूट गए सिलेबस को कवर करने के लिए अतिरिक्त क्लास की भी बात नहीं कर रहा हूं। मैं उन स्कूल्स की बात कर रहा हूं, जो बच्चों में विटामिन-डी की कमी की पूर्ति कर रहे हैं! आश्चर्य हो रहा है कि वे क्यों और कैसे कर रहे हैं? मुंबई के कुछ स्कूल्स के पास इसका जवाब है, जिन्होंने इस हफ्ते से इसकी शुरुआत की है।इसमें कोई राज की बात नहीं कि महामारी के बीच ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चे धूप में खेलने से वंचित रह गए। आज अगर आप किसी भी डॉक्टर से पूछें तो वे बताएंगे कि उनके पास कुछ रोगी बच्चे आ रहे हैं, जिनमें विटामिन-डी की कमी है। शिशु रोग विशेषज्ञ बता सकते हैं कि विटामिन-डी की कमी से बाद में रिकेट्स के साथ-साथ कई बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए मुंबई के स्कूल्स ने इससे निपटने का इनोवेटिव रास्ता निकाला है।सुबह की असेंबली बाहर खुले प्रांगण में करने की परंपरा लगभग पूरे देश के स्कूल्स में है। पर जो पीरियड दिन के आखिर में होते थे उन्हें अब सुबह सबसे पहले करने का नया चलन है। सुबह 7.30 से 9 के बीच क्लास लेने के लिए स्कूल्स का हर खुला कोना, मैदान, बगीचे का पूरा इस्तेमाल हो रहा है।
ये स्कूल मॉर्निंग वॉक के अलावा प्रकृति को निहारने वाली कक्षाएं करा रहे हैं, कुछ फिजिकल एजुकेशन की क्लास तो कुछ स्पोर्ट्स क्लास ले रहे हैं, वहीं कुछ कम छायादार पेड़ों के नीचे अपनी नियमित कक्षाएं ले रहे हैं। वे खुली जगहों पर न सिर्फ आर्ट और क्राफ्ट की कक्षाएं ले रहे हैं, बल्कि गुरुकुल शैली में गणित और विज्ञान की कक्षाएं भी ले रहे हैं।कुलमिलाकर इन स्कूल्स का उद्देश्य ये है कि विद्यार्थी कुछ ताजी हवा में सांस ले सकें और मुस्कुराते सूरज की ज्यादा से ज्यादा धूप ले सकें। सुबह 7.30 से 7.50 तक असेंबली में बच्चों को धूप मिल जाती है। फिर हफ्ते में कम से कम तीन बार खुली जगहों पर एक के बाद एक अलग-अलग क्लास होती हैं, ताकि विटामिन-डी की कमी से नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सके।ये मामला सरकारी स्कूल्स के साथ नहीं है क्योंकि यहां आनेवाले बच्चे ठीकठाक समय धूप में बिता लेते हैं। यह महंगेस्कूलों जैसे ठाणे का सिंघानिया स्कूल, कोलाबा का आर्मीपब्लिकस्कूल और विक्रोली का श्री गुरु गोबिंद सिंह इंग्लिशहाई स्कूल आदि में हो रहा है।