रात के अंधेरे में गौ सेवक उपचार कर रहे हैं
लोरमी
जब सभी आदमी सो जाते है तो देवतुल्य गौ सेवक बिना नाम, पहचान के,बिना प्रशंसा और उपलब्धि के गौ माता की प्राथमिकी उपचार वास्तविक सेवा कार्य करते हैं। संजय सिंह ने कहा कि रात के घोर अंधेरे में जब सब अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं। ऐसी घड़ी में शशांक सिंह और मयंक सिंह कुछ प्राथमिकी उपचार का दवा और पट्टी लेकर के जहां कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त या बीमार पीड़ित गौ माता मिल जाए की इलाज करते हैं। संजय सिंह बताया कि हम रास्ते पर घूमने के लिए निकले हुए थे तो इन बच्चों को गाड़ी के रोशनी में सड़क के किनारे बैठे हुए देखे तो आश्चर्य हुआ गौ माता के चोट लगे स्थान को धो करके दवाई और पट्टी मरहम लगा रहे थे। शशांक सिंह और मयंक सिंह ने बताया कि हम लोग आत्मीय शांति के लिए और गौ माता की पीड़ा को देखते हुए यह बीड़ा उठाए हुए हैं।