जिला अस्पताल में जनऔषधि केन्द्र बंद होने के कगार पर:डॉ सौरभ निर्वाणी
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छत्तीससगढ़ी महासभा ने जताया ऐतराज बाहर की महंगी दवाई न लिखें धरती के भगवान
केंद्र सरकार मरीजो को महंगी दवाई की मार से बचाने के लिए
शासकीय अस्पतालों के परिषर में जनऔषधि केंद्र के संकल्पना और उद्देश्य से सस्ती दवाओं के सहज उपलब्धता के लिए जन औषधी केंद्र खुलवाये,बहुत ही कम दाम में मरीजों के लिए उनके परिजनों को दवाएं उपलब्ध हो जाये,
अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा के संयोजक डॉ सौरभ निर्वाणी ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चिकत्सकों से मिलकर,डाक्टरो के अनएथिकल प्रैक्टिस बिहैवियर पर आपत्ति दर्ज कराई,उन्होंने सीएचएमओ डॉ यशवन्त ध्रुवे से कहा कि महंगी दवाई न लिखें धरती के भगवान,जन औषधि केंद्रों में मिलने वाली एक ही रसायनिक मिश्रण की 5 रुपैये की दवाई बाहर 19 रुपये की मिलती है लगभग 4 गुना महंगा और कई बार तो 8 से 10 गुना महंगा भी,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ यशवन्त ध्रुवे ने छत्तीसगढ़ी महासभा के संयोजक डॉ निर्वाणी को विश्वास दिलाते हुए कहा कि पूर्व में भी जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों को एडवाइज़री जारी की गई थी,लेकिन इस बार उन्हें सख्त हिदायत दी जाएगी,उन्होंने छत्तीससगढ़ी महसभा के कार्यकर्ताओं के सजगता और जागरूकता के लिए धन्यवाद भी दिया,जिला चिकित्सालय परिसर में जन औषधि केंद्र संचालक दिलीप साहू ने बताया की सभी दवाई स्टॉक में रहता है जो शासन के निर्देशों के तहत किसी भी जन औषधि केन्द्र में होने चाहिए पर उपलब्ध कंपोजिसन के बावजूद डॉ लिखते नही हैं और मरीज के परिजनों को महंगे दर पे वही दवाई बाहर जा कर मजबूरी में लेनी पड़ती है,छत्तीसगढ़ी महसभा के संयोजक डॉ सौरभ निर्वाणी को उनहोने उपलब्ध स्टॉक को भी दिखाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की सबसे जन कल्यणकारी योजना का वैसा लाभ मरीजों को नही मिल पा रहा है,स्थिति में सुधार होना चहिए…डॉ निर्वाणी ने विधायक दीपेश साहू से मुलाकात कर उन्हें भी स्थिति की जानकारी देने की बात कही है…
डॉ सौरभ निर्वाणी
सयोंजक
अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी
महासभा