सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल रितु मड़कम
जवानों ने नक्सल ऑपरेशन की सफलताओं और चुनौतियों को मुख्यमंत्री से किया साझा
रायपुर 21 नवम्बर 2024/ आज जब युवा साथी मुझसे कहते हैं कि हम भी आपके जैसे बनना चाहते हैं, तब मैं गर्व और हौसले से भर जाती हूं। मैं चाहती हूं कि बस्तर के अधिक अधिक से अधिक युवा सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें। मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मैं इस सुरक्षा बल का हिस्सा हूं और नक्सल अभियानों में मेरी भूमिका रही है।सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन की जांबाज महिला कांस्टेबल रितु मड़कम ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके कैंप प्रवास के दौरान ये बातें साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय बस्तरिया बटालियन की महिला कांस्टेबल रितु के आत्मविश्वास से भरे शब्दों को सुनकर गर्व से भर गए और शाबाशी देते हुए कहा कि जवानों के हौसलों से ही हमें ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि नक्सल ऑपरेशन में बस्तर की बहुत सारी बेटियां चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। बस्तर में नक्सलवादियों से मुकाबला करती हमारी बेटियों के पराक्रम का कोई सानी नहीं है। रितु ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह दंतेवाड़ा की रहने वाली हैं और सीआरपीएफ ज्वाइन करने के बाद उसूर, बासागुड़ा जैसे धुर नक्सली क्षेत्र में अपनी प्रारंभिक सेवाएं दी हैं।
अस्टिटेंट कमांडेंट श्री राजेश पांचाल ने बताया कि सीआरपीएफ के चुनिंदा जवानों को कोबरा बटालियन में काम करने का मौका दिया जाता है। इन जवानों को नक्सल ऑपरेशन और जंगलवार में महारत हासिल है। उन्होंने टेकलगुड़ेम में कैम्प स्थापना के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया कि नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हमारे कई साथी घायल हुए लेकिन हमारी टीम ने डटकर मुकाबला किया और कैम्प स्थापित करने में सफल हुए, जिसके कारण नक्सलियों को गांव छोडकर भागना पड़ा।
एसटीएफ के जवान सीसी अयोध्या सिंग बनाफर ने मुख्यमंत्री को अबूझमाड़ की चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दुर्गम इलाकों में कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद सभी जवानों का मनोबल ऊंचा है। हमारी तैनाती संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में होती है और हम हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारा राज्य नक्सलमुक्त हो।
डीआरजी सुकमा के जवान एसआई सोढ़ी कन्ना ने कई नक्सल मुठभेड़ों का जिक्र किया। उन्होंने कैम्प स्थापना के दौरान हुए अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हम सब जवान टीम वर्क के साथ अभियानों को अंजाम देते हैं।
इसी तरह डॉग स्कॉड की जवान कांस्टेबल किरण ने बताया कि नक्सल ऑपरेशन में डॉग के साथ हमारी टीम लीड करती है। नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों की कैजुअल्टी को रोकने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है। सीआरपीएफ को गर्व है उनके पास बेल्जियम शेफर्ड जैसे कई विशेष प्रजाति के प्रशिक्षित डॉग हैं, जो बारूदी सुरंग ढूंढने और दुश्मनों की मौजूदगी की पूर्व सूचना देने प्रशिक्षित है।
सहायक उप निरीक्षक श्री अर्जुन ने बताया कि बीजापुर में नक्सल गतिविधियां अधिक थी, हमने सतत रूप से अभियान चलाकर नक्सल गतिविधियों को सीमित किया है। नक्सल अभियान से जुड़े सुरक्षा बलों के जवानों के साथ हमारा तालमेल बेहतर है, जिससे हमको लगातार सफलता मिल रही है। उप निरीक्षक श्री मुकेश ने बताया कि हाल में ही थुलथुली इलाके में नक्सल अभियान के दौरान नक्सलियों को बड़ी क्षति पहुंचाई गई है।
जिला अस्पताल बीजापुर के ओर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रोहित तामस्कर ने बताया कि नक्सल ऑपरेशन के दौरान जब जवान घायल होते हैं तब उनके लाइफ सपोर्ट के लिए हमारी टीम हमेशा मुस्तैद रहती है। उन्होंने हाल की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब दो जवान मरणासन्न स्थिति में थे तब हमारी टीम ने उनका इलाज कर जान बचाई।
सीआरपीएफ के सीएमओ डॉ. उत्पल ने बताया कि फिल्ड सर्जिकल यूनिट एन्टी नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों के घायल होने पर रेस्क्यू का काम करती है। ग्राउंड जीरो से हायर मेडिकल फेसिलिटिज तक जवानों को ले जाने के लिए एयर लिफ्ट करने का काम भी तत्काल किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय बस्तर प्रवास के दौरान अचानक ही सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन में जवानों से मिलने बस्तर जिले के सेडवा कैंप पहुंचे थे। यहां उन्होंने जवानों से खुलकर आत्मीयतापूर्वक बात की और जवानों ने भी मुख्यमंत्री से आत्मीय संवाद करते हुए माओवादी आतंक के उन्मूलन के प्रयास में अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जवानों की तारीफ करते हुए कहा कि नक्सलियों के विरुद्ध हमने जो सफलता हासिल की है, उसमें पुलिस और सुरक्षा बलों की अनेक टीमों और बटालियनों की साझी भागीदारी है। इसके साथ-साथ स्थानीय शासन के विभिन्न विभागों ने भी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवादी मानवता के दुश्मन हैं। बारूदी सुरंगें बिछाते हुए वे जरा भी नहीं सोचते कि इनसे आम लोगों की जानें भी जा सकती हैं। कई बार छोटे-छोटे बच्चे भी इन बारूदी सुरंगों की चपेट में आ जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों का काम सचमुच बहुत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हर चुनौती को चूर-चूर करना आप लोगों को आता है। आज हमारे जवान अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी नक्सलवाद का सफाया करते हुए सफलता के झंडे लहरा रहे हैं। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों ने देश के सामने संगठन और समन्वय का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।