सुकमा के सोड़ी देवा ने प्रशासनिक क्षेत्र में पाई सफलता, एसआई पद पर चयनित कठिनाईयों से भरी यात्रा, सपनों को दी ऊंची उड़ान
अनवर हुसैन सुकमा
सुकमा: सुकमा जिले के सोड़ी देवा ने अपनी कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प से प्रशासनिक क्षेत्र में विशेष स्थान प्राप्त किया है। उनके जीवन में आए कई संघर्षों और कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने सुकमा के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। माओवाद प्रभावित क्षेत्र से आते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई और करियर को नई दिशा दी और हाल ही में एसआई भर्ती 2021 में चयनित होकर प्लाटून कमांडर का पद प्राप्त किया। माओवाद प्रभावित क्षेत्र से सोड़ी देवा सहित अन्य अभ्यर्थियों ने यह सिद्ध किया है कि यदि लगन और परिश्रम हो, तो कठिनाइयां किसी भी मंजिल को पाने से नहीं रोक सकतीं। सक्षम संस्था और जिला प्रशासन का सहयोग न केवल उनकी सफलता का आधार बना बल्कि अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी रहा।
*माओवाद प्रभावित क्षेत्र से शुरू की शिक्षा यात्रा*
सोड़ी देवा मूलतः सुकमा जिले के करीगुंडम गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि माओवाद गतिविधियों के चलते उनके परिवार को अपने मूल स्थान को छोड़कर कोंटा में बसना पड़ा। इसके बावजूद, अपनी शिक्षा जारी रखी और प्राथमिक शिक्षा बालक आश्रम दोरनापाल में प्राप्त की। माध्यमिक शिक्षा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोंटा से पूरी की और फिर छत्तीसगढ़ शासन की प्रयास संस्था के माध्यम से हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण की। आगे चलकर, उन्होंने जेईई मैन्स और एडवांस परीक्षा पास की और आईआईआईटी नया रायपुर से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की।
*प्रशासनिक क्षेत्र में जाने का सपना*
सोड़ी देवा ने बताया कि उनका सपना प्रशासनिक क्षेत्र में जाकर समाज सेवा करने का था। इसी उद्देश्य से उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा संचालित सक्षम कोचिंग संस्था में तैयारी शुरू की। इस संस्था में सीजी व्यापम और सीजीपीएससी की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय सुविधा और लाइब्रेरी प्रदान की जाती है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें उपलब्ध हैं।
*शारीरिक दक्षता का लाभ*
एसआई भर्ती परीक्षा में शारीरिक दक्षता का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। सोड़ी देवा को पुलिस प्रशासन सुकमा द्वारा विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे उन्हें परीक्षा में मदद मिली। फुटबॉल खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने इस परीक्षा में शारीरिक चुनौतियों को सहजता से पार किया। उन्होंने 2012 में वी-16 छत्तीसगढ़ फुटबॉल टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व भी किया था।
*सक्षम संस्था का योगदान*
देवा का कहना है कि जिला प्रशासन सहित सक्षम संस्था के शिक्षकों, टीकेन्द्र चन्द्राकर, योगेन्द्र सिन्हा, और दिलीप मार्कण्डे और स्टॉफ का उनके सफर में बड़ा योगदान रहा। उन्होंने जिला प्रशासन सुकमा और सक्षम संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान कर रही है।
देवा ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि सक्षम संस्था का संचालन लगातार जारी रहे ताकि अन्य युवा भी इस सुविधा का लाभ लेकर अपने सपनों को साकार कर सकें। सक्षम संस्था के कारण जिले के कई युवा प्रशासनिक क्षेत्र में चयनित होकर परिवार और जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।