महिलाओं के लिए बने कानून के दुरुपयोग के विरुद्ध पुरुष अधिकारों के लिए
पुरुष आयोग बनाने की सख्त आवश्यकता-मेन्स राइट्स एसोसिएशन
पत्नी और ससुरालियों की प्रताडऩा से पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने की
प्रवृत्ति बेहद गंभीर मामला-प्रमोद कुमार
यदि जो भी पत्नी व ससुराल से पीडि़त हो वह मेन्स राईटस एसोसिएशन से कर
सकते है संपर्क
भिलाई। मेन्स राइट्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के सदस्यों ने भिलाई में हमारे
संवाददाता से चचा करतेे हुए बताया कि पुरुष अधिकारों के लिए, महिलाओं के
लिए बने कानून के दुरुपयोग का लगातार दुरूपयोग कर धन दौलत व उनके राशि
हड़पने लगातार पत्नी और ससुरालियों द्वारा प्रताडि़त किये जाने के कारण
देश में लगातार पुरूषों की आत्महत्या करने का प्रकरण बढते जा रहा है। हर
साल 90 हजार पुरूषों द्वारा आत्महत्या कर लिया जाता है। उसका जीता जाता
उदाहरण बैंगलोर में एक पे्राईवेट फर्म में कार्यरत होनहार एआई इंजीनियर
अतुल सुभाष है। उसने आत्महत्या के पहले 1 घंटा 20 मिनट का विडियों बनाकर
और 24 पृष्ठों का पत्र लिखकर आत्महत्या करना है।
मेन्स राइट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने आगे कहा कि सरकार
थोड़ा भी कुछ हो तो फटाफट महिलाओं के लिए कानून बना देता है लेकिन
पुरूषों पर पत्नी व उसके मायके वालों द्वारा लगातार रूपये के लेनदेन, धन
दौलत व उनकी राशि हडपने के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है। इतना प्रताडित
किया जा रहा है कि पुरूष आत्महत्या कर ले रहे है। महिलाओं की सुरक्षा के
लिए जो कानून बना है, उसका जमकर दुरूपोग कर पुरूषों को महिलाओं द्वारा
प्रताडि़त किया जा रहा है। इस प्रकार के मामले पूरे देश में बढते जा रहे
है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए अब पुरूषों द्वारा इनकी प्रताडऩा
के कारण हो रहे आत्महत्या व परिवार के बिखराव को देखते हुए पुरूष आयोग
बनाने की सख्त आवश्कता है। पुरूष जो कि इंकमटेक्स भरता है, सरकार को
सहयोग करता है, लेकिन सरकार पुरूषों के लिए पुरूष आयोग नही बनाती।
पुरूषों को प्रताडि़त करने ब्लैकमेलिंग का निशाना बनाने कई महिलाओं और
कुछ पुरूषों के गैंग चल रहे है, महिलाओं को थोडा बहुत कुछ हुआ नही कि
फटाफट ये लॉबी हावी हो जाती है, और उनकी पकड़ सरकार व ऊंचे लेबल तक होती
है, पुरूषों के विरूद्ध तुरंत कानून बनवाने धरना, प्रदर्शन सब कर देते
है। ये गैंग के लोग ये देखते है कि कौन अधिक धन दौलत व पैसे वाले है, व
अकेला रहते है, उनको लड़किया व शातिर तरह की महिलाएं अपने प्रेम जाल में
फंसाकर शादी करती है और उसके बाद उनके द्वारा अपने पति व उनके घर वालों
को प्रताडि़त करने व ब्लेकमेल करने का खेल शुरू हो जाता है। पहले दहेज
प्रताडना में तुरंत पति पक्ष को जेल में डालने के प्रावधान में बदलाव कर
अब पहले दहेज मामले में जांच होगी उसके बाद एफआईआर होगी के कारण अब सीधा
महिलाएं अपने पति पर अप्राकृतिक कृत्य का झूठा केस लिखवाती है ताकि उनका
पति व ससुराल पक्ष तुरंत जेल जाये। सुप्र्रीम कोर्ट भी मानता है कि दहेज
वाले मामलें में 95 प्रतिशत केस फाल्स होते है। उन्होंने कहा कि पुरूष
आयोग बनाने की मांग हमने पहले भी की है, इसके लिए मंत्रियों, सांंसदों तक
भेंट कर ज्ञापन दिये लेकिन आज तक पुरूष आयोग नही बना है, बडी बात तो यह
है कि देश के सांसद राजभर व एक अन्य सांसद पुरूष आयोग बनाने के लिए संसद
में आवाज उठाये तो उनको पार्टी ने टिकिट ही नही दिया।
प्रमोद कुमार ने आगे कहा कि महिलाओं द्वारा लगातार पुरूषों के प्रताडऩा
के कारण पुरुष आयोग की मांग एवं पुरुषों के स्वास्थ्य व पुरुषों के बढ़ते
आत्महत्या दर के गंभीर विषय, कानून के दुरुपयोग को आवश्यक रूप से दंडनीय
बनाने एवं लैंगिक भेदभाव वाले कानून को संसोशन करके जेंडर न्यूट्रल बनाये
जाने की मांग हमारा एसोसिएशन सरकार व सरकारी नुमाइंदो से कर रही है।
संस्था द्वारा प्रत्येक शनिवार को ओल्ड नेहरू नगर पार्क, भिलाई, जिला
दुर्ग, छत्तीसगढ़ में शाम बजे मीटिंग होती है तथा वहां पर प्रताडि़त और
पीडि़त लोगों के समस्या का समाधान बताया जाता है। इसके साथ ही संस्था
द्वारा प्रत्येक रविवार को शाम बजे ऑनलाइन मीटिंग का भी आयोजन भी किया
जाता है। यदि जो भी पत्नी व ससुराल से पीडि़त हो वह मेन्स राईटस एसोसिएशन
से मोबाईल नंबर 8882498498 या 9893237332 नंबर पर संपर्क कर सकते है,
प्रमोद कुमार ने पीडित लोगों से अपील की है कि वे आत्महत्या न करें,पहले
हमारे एसोसिएशन से संपर्क जरूर करें। हम न्याय दिलाने आपका पूरा साथ
देंगे।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए संस्था के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि
जैसा की आप सभी जानते हैं कि, अतुल सुभाष जिसने कानून के दुरूपयोग और
उसके उत्पीड़कों द्वारा उसे प्रताडि़त किये जाने के सम्बन्ध में लगभग 1
घंटे 20 मिनट का वीडियो बनाकर आत्महत्या कर लिया।
अतुल सुभाष ने अपने आत्महत्या पत्र और वीडियो में बताया है कि, किस तरह
महिलाओं के लिए बने कानून का दुरुपयोग उसकी पत्नी, सारा, साला और ससुराल
के अन्य सदस्यों द्वारा किया जा रहा था, उसके विरुद्ध झूठे मुकदमें दाखिल
किया जा रहा था, उसे उसके साढ़े चार साल के बच्चे से मिलने भी नहीं दिया
जाता अतुल सुभाष और उसके परिवार के विरुद्ध उसकी पत्नी द्वारा 9 प्रकरण
दर्ज करवाए गए है अतुल सुभाष ने अपने आत्महत्या पत्र और वीडियो में यह भी
बताया है कि, उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार वाले 3 करोड़
रुपयों की मांग करते इस विषय में अतुल सुभाष ने प्रधान न्यायाधीश,
कुटुम्ब न्यायालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश को जानकारी दिया कि, ये लोग
रुपयों के लिए मुझे और मेरे परिवार को फर्जी केस करके प्रताडि़त कर रहें
है मेरे द्वारा मेनटेंस का रूपया लेकर, मेरे ही रुपयों को दुरूपयोग मेरे
विरुद्ध इस्तेमाल किया जा रहा है।
अतुल सुभाष ने अपने आत्महत्या पत्र और वीडियो में यह आरोप लगाते हुए
बताया है कि, 21 मार्च 2024 को प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय,
जौनपुर, उतर प्रदेश के केबिन में जज ने उन्हें प्रकरण में समझौता करने
करने के लिए कहा, तब अतुल सुभाष ने उन्हें कहा कि, मैम ये लोग पहले 01
करोड़ की मांग कर रहे थे लेकिन आपके द्वारा अंतरिम भरण पोषण के आदेश देने
के बाद ये लोग 3 करोड़ की मांग कर रहें है इस पर जज ने उन्हें कहा कि,
फिर होंगे तुम्हारे पास 3 करोड़, इसलिए मांग रहें है इस पर अतुल सुभाष ने
जज से कहा कि, मैम, आप पेटिशन देखिये, इनलोगे ने कैसे इलज़ाम लगाए है
मेरे और मेरी फैमिली पर कितने सारे केसेस ढाले है मुझे मेरे बच्चे से
नहीं मिलने दे रहे ये खुद घर छोड़ के गयी है मुझे और मेरी फैमिली को हराश
कर रही है मुझे बैंगलोर से जौनपुर आना पड़ता है इस पर जज ने उन्हें कहा
कि, तो क्या हो गया केसेस डाल दिये तो तुम्हारी पढ़ी है इस पर अतुल सुभाष
ने जज से कहा कि, मैम आप अगर एनसीआरबी का डाटा देखो लाखो आदमी सुसाइड
कमिट कर रहे है फाल्स केसेस वजह से इस पर निकिता सिंघानिया ने अतुल सुभाष
से कहा कि, तो तुम भी सुसाइड क्यों नहीं कर लेते इस पर जज हंसती है और
मेरी पत्नी निकिता सिंघानिया को बाहर जाने को कहा फिर इस पर जज ने अतुल
सुभाष से कहा कि, ये केरोरा सब झूठे होते है, ऐसा ही होता है तुम अपने और
अपनी फैमिली के बारे में सोचो ये केरोस सेटल कर लो हम तुम्हारी हेल्प
करेंगे इस पर अतुल सुभाष ने जज से कह़ा कि, ठीक है मैम, आप सज्जेस्ट करो
लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं है इस पर जज ने अतुल सुभाष से कहा कि, हम
एडजस्ट करायेंगे, मैं लाख रुपये लूंगी, और मैं समझौता करा दूंगी इसी
कोर्ट में सब सेटल हो जायेगा बहुत ही रिजऩेबल अमाऊंट है, इतना पैसा कमाते
हो तुम निकिता भी एडजस्ट करेगी नहीं तो जीवन भर तुम और तुम्हारे माँ बाप
कोर्ट कचहरी के चक्कर काट ते रहेंगे इस पर अतुल सुभाष ने जज से कहा कि,
मैम मेरे पास इतने पैसे नहीं है हमारे पास सारे सबूत है, मेरी पत्नी के
प्रतिपरिक्षण में कितने बाते निकल के आयी है आप हमारे केस मेरिट पे सुनो
इस पर जज ने अतुल सुभाष से कहा कि, ठीक है, तुम्हारे केसेस गुण-दोष के
आधार पर ही सुनेंगे तुम बाहर जाओ 10 अप्रैल को कोर्ट रूम के बाहर अतुल
सुभाष की सास निशा सिंघानिया मुस्कुराते हुए अतुल सुभाष को कहा कि, अरे
अभी तक सुसाइड नहीं किये, मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आएगी, उस
दिन जन को सुसाइड करोगे बोले थे तुम इस पर अतुल सुभाष ने सास निशा
सिंघानिया से कहा कि, मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी इस
पर निशा सिंघानिया ने हँसते हुए अतुल सुभाष से कहा कि, तब भी चलेगी
तुम्हारा बाप देगा पैसे, पति के मरने पे सब पत्नी का होता है, तेरे मरने
के बाद तेरे माँ बाप भी जल्दी मरेंगे फिर, उसमें भी बहु का हिस्सा होता
है, पूरी जि़न्दगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेंगा -3- इस तरह
से अतुल सुभाष को कानून का दुरुपयोग करके प्रतादित किया गया, जिससे अंतत:
परेशान होकर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर लिया अतुल सुभाष के कुछ अंतिम
मांगों में से यह मांग थी कि, इतने सारे सबूत होने के बाद भी अगर कोर्ट,
ये जज और मेरे उत्पीड़कों को सजा नहीं देती है तो, मेरी अस्थियों को वहीं
कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना अतुल सुभाष के अंतिम इच्छा के अनुसार
उनकों मृत्यु उपरांत न्याय मिले तथा उनकी अस्थियों को गटर में बहाना ना
पड़े, इसके लिए संस्था देश में न्यायिक सुधार हो इस दिशा में आदोलन व
कार्य करेगी तथा कानून के दुरुपयोग से हताश परेशान व्यक्तियों की हर संभव
मदद करेगी हमारे संगठन द्वारा अतुल सुभाष को आत्महत्या के लिए मजबूर करने
वालों के विरुद्ध कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही किया जाए तथा पत्र एवं
शिकायत अभियान का पत्राचार एवं सोसल मिडिया के माध्यम से अभियान चलाया
जायेगा तथा कानून के माध्यम से दोषियों को दण्ड मिले इसका भरपूर प्रयास
किया जावेगा स्वर्गीय अतुल सुभाष की आत्मा की शांति के लिए एवं उनके लिए
न्याय की मांग के लिए, जन जागरूकता के लिए तथा उनके जैसे प्रताडि़त
पुरुषों व उनके परिजनों के लिए संगठन की ओर से रविवार 15 दिसंबर शाम बजे,
सिविक सेंटर, भिलाई में कैंडल मार्च का आयोजन किया जायेगा, पत्रकार
वार्ता में प्रमोद कुमार, राजेश सिंह ठाकुर, सतीश कुमार
चंद्राकर,धर्मेंद्र चौधरी, निमेष अग्रवाल, रुपेश साहू, मनोहर दास, सुशील
देवा, पुरुषोत्तम साहू, विनय अग्रवाल, केशव राजपूत विजय साहू हितेश
दाराव, आलोक ठाकुर, विकास , अभिषेक शर्मा, अतुल शर्मा, रेखा अग्रवाल,
क्षमा खरे, चन्द्रकला उपस्थित थे।
हर साल देश में 90 हजार पुरूष आत्महत्या करते है, उसमें सबसे अधिक मामले
पत्नी और ससुराल पक्ष के प्रताडऩा का होता है। सुको के अनुसार जब इस
प्रकार के केस दायर होते है तो पति और पत्नी दोनो को अपने संपत्ति का
ब्यौरा देना होता है, लेकिन पत्नियां नही देती है। कानून बनाया गया है कि
कोई महिला या लड़की थाने में केस दर्ज करवाती है कि फलां ने मुझे शादी का
प्रलोभन देकर मेरा दैहिक शोषण किया लेकिन आजकल महिलाएं ये सब अधिक कर रही
है। शिकायत करने के बाद भी उन महिलाओं के विरूद्ध एफआईआर दर्ज नही होता।
उन्होंने कहा कि हमारी ये संस्था सन 2005 में बनी और पूरे देश में इस तरह
की 45 संस्था है, जो पत्नियों व ससुराल से प्रताडि़त है, उनका कौंसिल
करते है और आत्महत्या करने से रोकते है, व उनको न्याय दिलाने का कार्य हम
करते है। जब पुरूष और महिला में समानता की बात की जाती है तो ऐसे मामले
में पुरूषों के साथ भेदभाव क्यों किया रहा है?
बॉक्स में
अधिकांशतर कोर्ट और थानों में अब तक नही लगा विडियों के साथ ऑडियों रिकार्डिंग:-
प्रमोद कुमार के अनुसार सुप्र्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कोर्ट
परिसर और थानों में विडियों के साथ ऑडियों रिकार्डिंग भी रहे लेकिन
अधिकांश कोर्ट और थानों में विडियों के साथ ऑडियों वाला कैमरा नही लगाया
गया है। जिसके कारण थानों व कोर्ट व कोर्ट परिसर में विडियों व ऑडियों
रिकार्डिंग होता तो अतुल सुभाष के मामले में भी कोर्ट में जिस तरह
आत्महत्या के लिए उसके ससुरालियों द्वारा उकसाया गया और सेटलमेंट के लिए
एक लाख जिस तरह जज द्वारा मांगा गया वह सब सबूत होता उसके ससुरालियों व
जज पर कार्यवाही उस सबूत के आधार पर होती। कई बार कोर्ट परिसर में मारपीट
भी होती है। लेकिन ऑडियों के साथ विडियों नही होने के कारण कोर्ट परिसर
में होने वाले और थानों में होने वाले बातचीत व किस प्रकार सेटलमेंट के
लिए पीडि़त से रिश्वत की मांग होती है वह सब खुलकर सामने आ जायेगा।
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