कांग्रेस कार्यालय में रखा जाएगा मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर, यहीं से निकलेगी अंतिम यात्रा
नई दिल्ली, । पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय ले जाया जा रहा है। जहां कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार सुबह सबसे पहले पहुंचने वालों में सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद कांग्रेस मुख्यालय से श्मशान घाट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शुरू होगी।
गौरतलब है कि डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्हें उम्र संबंधी बीमारियों के कारण दिल्ली के एम्स अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उनका निधन हो गया। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली पर रखा गया था। अब डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय लाया जा रहा है। जहां जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की एक विशेष बैठक बुलाई गई। इसमें कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव में पारित किया है। कांग्रेस कार्य समिति ने अपने शोक प्रस्ताव में कहा कि देश के एक सच्चे राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर वह गहरा शोक व्यक्त करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन और कार्यों ने भारत के भविष्य को दिशा दिखाई।
डॉ. सिंह, भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशाल व्यक्तित्व थे, जिनके योगदान ने देश को रूपांतरित किया और उन्हें विश्व भर में सम्मान प्राप्त हुआ। 1990 के दशक के प्रारंभ में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार थे। अपनी अद्वितीय दूरदृष्टि के साथ, उन्होंने ऐसे सुधारों की शुरुआत की जिन्होंने न केवल देश को भुगतान संकट से उबारा, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए द्वार खोले। उनके द्वारा किए गए विनियमन, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाले नीतिगत कदमों ने भारत के तेजी से विकास की नींव रखी। उनके नेतृत्व में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया, जो उनकी प्रतिभा और दृष्टिकोण का प्रमाण है।