महापौर व एमआइसी मेंबरों के विरोध के बावजूद मेसर्स एलमेंक टेक्नोक्रेटस को साल के 12 करोड 29 लाख में सफाई का ठेका देने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित
महापौर और एमआईसी मेंबरों ने मंगलवार को किया था इस विशेष सामान्य सभा और
आय से अधिक में ठेका देने का विरोध
भिलाई। रिसाली नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डों के सफाई व्यवस्था को लेकर
बुधवार को प्रात: 11 बजे रिसाली नगर निगम में विशेष सामान्य सभा का आयोजन
किया गया। इसमें मंगलार को रिसाली नगर निगम की महापौर एवं एमआईसी सदस्यों
द्वारा पत्रकारवार्ता लेकर निगम के आय से अधिक व्यय का मामला बताकर निगम
आयुक्त और सभापति पर कई आरोप लगाकर निगम द्वारा मंगाये गये निविदा को
रद्द कर दुबारा निविदा कराये जाने की मांग को लेकर आज हुए इस विशेष
सामान्य सभा का व इस सफाई के ठेका देने के प्रस्ताव का विरोध किया था
इसके बावजूद भी विशेष सामान्य सभा शुरू होने के कुछ ही देर बाद ध्वनिमत
से यह प्रस्ताव इस विशेष सामान्य सभा में मेसर्स एलमेंक टेक्नोक्रेटस को
साल के 12 करोड 29 लाख रूपये में देने के लिए पास हो गया।
इस विशेष सामान्य सभा में जो प्रस्ताव लाये गये उनमें निगम क्षेत्र के
वार्डो की सफाई के लिए चार ग्रुप में अलग अलग बांटा गया था जिसमें चारो
ग्रुप में चार चार निविदाकारों द्वारा भाग लेने की बात और उसमें ऑन लाईन
दस्तावेजोंं के जांच के बाद मात्र 2 ठेकेदारों द्वारा मेसर्स एल्मेंक
टेक्नोक्रेटस एवं मेसर्स भारतीय सिक्यूरिटी सर्विस द्वारा भरे गये निविदा
का ही लिफाफा खोला गया जिसमें नगर पालिक निगम रिसाली ग्रुप 01 के वार्ड
क्र. 01.02.03.04.05.22.23 एवं 20 में साथ सफाई व्यवस्था कार्य हेतु
व्यवस्था हेतु स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा राशि 1,95,73,280.00 रु. का
प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया गया है, उक्त कार्य हेतु दिनांक
28.11.2024 को समाचार पत्रों के माध्यम से निविदा आमंत्रित किया गया,
इसमें मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स एवं मेसर्स भारतीय सिक्युरिटी
सर्विस का पात्र पाये जाने पर वित्तीय दर खोला गया। जिसमे एलमेंक
टेक्नॉलैट्स द्वारा प्रस्तुत न्यूतम दर निविदा,3 करोड 15 लाख रूपये को
विशेष समान्य सभा में प्रस्ताव पारित के लिए लाया गया।
इसी प्रकार गु्रप क्रमांक 2 में वार्ड 13.14.25.26 27.28.29.20 एवं 31
में साफ-सफाई व्यवस्था कार्यालय अधिकारी द्वारा राशि 139.11.458.00 रु का
प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया गया है. इसके सफाई के लिए 28 और 29
नंवबर को समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन के माध्यम से निविदा मंगाया
गया था इसमें भी वही चारों निविदाकारों ने निविदा भरा और इसमें भी मात्र
दो ही निविदाकारों मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स एवं मेसर्स भारतीय
सिक्युरिटी सर्विस का लिफाफा खोला गया और इसमें भी मेसर्स एल्मेंक
टेक्नोंक्रैट्स को कार्य देने के लिए प्रस्ताव रखा गया जिसमें मेसर्स
एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स द्वारा इन वार्डों में सफाई के लिए 3 करोड 17 लाख
रूपये का निविदा भरा गया था।
इसी तरह ग्रुप 3 के वार्ड क्र 15,16,17,13 18,20 एंव 21 में साफ-सफाई
व्यवस्था कार्य हेतु स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा राशिं 1,49,72.350.00 एक
का प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया गया है.था इसके लिए 28 नवंबर 2024, 2
दिसंबर 2024 एवं 3 दिसंबर को समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से
निविदा मंगाया गया था। इस ग्रप में भी पूर्वरत ये चारों निविदाकारों ने
सफाई के ठेका के लिए निविदा भरा था और इसमें भी उन्ही दोनो निविदाकारों
मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स एवं मेसर्स भारतीय सिक्युरिटी सर्विस का
लिफाफा खोलकर कम दर के आधार पर मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स को 2 करोड
80 लाख रूपये में ठेका देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किये।
इसके अलावा ग्रुप 4 में वार्र्ड 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 38 एवं 10
में साफ-सफाई व्यवस्था कार्य हेतु स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा राशि
1,92,41,458.00 रु. का प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया गया है, जिसके
आधार पर सफाई ठेका के लिए गत 28 नवंबर को समाचार पत्रों में विज्ञापन
प्रकाशन करवाकर निविदा मंगाया गया था इसमें भी वही चारों फम्र्स ने
निविदा भरा और इस ग्रुप में भी दो ही मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स एवं
मेसर्स भारतीय सिक्युरिटी सर्विस का लिफाफा खोलकर कम दर के आधार पर
मेसर्स एल्मेंक टेक्नोंक्रैट्स को 3 करोड़ 17 लाख रूपये में ठेका देने का
प्रस्ताव विशेष सामान्य सभा में रखा गया था इस प्रकार चारों ग्रुप में
कुल 12 करोड 29 लाख में पूरे रिसाली निगम के सभी वार्डोँ के सफाई के लिए
ठेका देने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हो गया। वही निगम के कार्य की
आवश्यकताओं को देखते हुए वित्तीय वर्श 2024-25 में प्लेसमेंट श्रमिकय
प्रदाय कार्य हेतु दर स्वीकृति के लिए लाया गया था, उसे भी पारित किया
गया।
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फोटो कनार्टका बैँक
दुर्ग के एक बैंक के 111 खातों में पहुंची 86 लाख से अधिक की राशि,
खाताधारकों ने दर्ज कराई शिकायत
पुलिस को गृह मंत्रालय के पोर्टल से मिली जानकारी,पुलिस ने शुरू की इसकी जांच
दुर्ग। मोहन नगर थाने में एक हैरान कर देने वाला मामला दर्ज हुआ है।
स्टेशन रोड स्थित कर्नाटका बैंक के 111 खातों में अचानक लाखों जमा हो
गये। इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में मोहन नगर पुलिस ने
अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग
रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित कर्नाटका बैंक के 111 खाता धारकों के अकाउंट
में 86 लाख 33 हजार, 247 रुपए जमा हुए। यह रकम अलग-अलग राज्यों में हुए
साइबर ठगी द्वारा अर्जित गई रकम बताई जा रही है। 86 लाख 33 हजार, 247
रुपए पाए गए हैं। उक्त 111 बैंक खातों में अवैध रुप से लाभ अर्जित करने
के लिए खातों का उपयोग किया गया है। इसकी जानकारी पुलिस को गृह मंत्रालय
के पोर्टल से मिली। पुलिस शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच
में जुट गई है। इन खातों को लेकर अन्य राज्यों में ऑन लाइन शिकायत भी
दर्ज की गई है। इसे लेकर साइबर क्राइम की टीम खातों के लेने देन को लेकर
जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस ने किसी भी खाता धारक का नामजद कार्रवाई
नहीं किया है। लेकिन आने वाले समय में पुलिस खाता धारकों के आधार कार्ड
समेत उनका डिटेल मंगाकर पूछताछ करेगी।
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दस करोड़ सालाना आय वाले रिसाली निगम मेें आय से अत्यधिक ज्यादा का ठेका
देने खुले टेण्डर को लेकर आपस में हो रहा विवाद
महापौर ने निगम आयुक्त पर लगाये कई आरोप, कहा वे निगम में कर रही है राजनीति,
छ: लोगो के भरे निविदा में मात्र दो का भी क्यों खोला गया लिफाफा, अफसर
नही दे रहे जवाब
इस टेण्डर प्रक्रिया को किया जाये निरस्त, फिर से पारदर्शिता के साथ हो
टेण्डर प्रक्रिया
स्थानीय विधायक ललित चन्द्राकर का नही है इसमें कोई हाथ
भिलाई। रिसाली नगर निगम में सफाई के ठेके के टेंडर को लेकर अफसर और
महापौर तथा एमआईसी मेंबरों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। एक ओर
जहां यहां की महापौर श्रीमती शशि सिन्हा और एमएमआईसी मेंबर हाल ही में
खोला गया सफाई टेंडर के निविदा में जिसमें कुल 16 करोड रूपये से अधिक का
सफाई ठेका दिये जाने को लेकर विरोध कर रहे है और उसको निरस्त करने और फिर
से निविदा किये जाने की बात महापौर और एमआईसी मेंबरों द्वारा मांग की जा
रही है। महापौर व महापौर परिषद के लोगों ने इस सफाई ठेका को इतने अधिक दर
पर देने के लिए बिना महापौर और एमआईसी के चर्चा किये विशेष सामान्य सभा
बुधवार 8 जनवरी को बुलाने का आरोप पत्रकारवार्ता में लगाये है। उन्होंने
कहा कि हम इस विशेष सामान्य सभा में जायेंगे लेकिन इसका विरोध करेंगे।
उक्त बातें महापौर श्रीमती शशि सिन्हा ने एक पत्रकारवार्ता में कही।
उन्होने आगे कहा कि नगर निगम रिसाली अपने निगम क्षेत्र के टेक्स पर
आश्रित है और साल का आवक लगभग 10 करोड रूपये है और यहां सफाई ठेका 16
करोड से भी अधिक रूपये में दिया जायेगा तो इनका बाकी भुगतान कहां से होगा
और निगम के संचालन के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य होते है, उन कार्यों
को कैसे किया जायेगा। यह रिसाली निगम को कंगाल बनाने की योजना है। हम
निगम के कुछ अफसरों द्वारा इस प्रकार किये जा रहे गडबडी को सामने ला रहे
हेै। इस मामले में रिसाली महापौर व एमआईसी मेंबरों ने सभापति पर भी आरोप
लगाये है, कि वे और आयुक्त आखिर इस मामले में इतना इन्ट्रेस्ट क्यों दिखा
रहे है? विशेष सामान्य सभा के लिए सभापति को जल्दबाजी क्यों है, विशेष
सामान्य सभा महापौर और एमआईसी की सहमति से बुलाई जाती है लेकिन बिना
महापौर व एमआईसी के सहमति के सभापति विशेष सभा बुला रहे है। विशेष
सामान्य सभा के लिए सभापति पर किसी का दबाव प्रतीत होता है। उन्होंने आगे
कहा कि सफाई के नाम पर बेतुका बयान देने वाली आयुक्त निगम में राजनीति कर
रही है क्योंकि करोडों के खेल का प्लान पहले से ही तैयार है जिसमें
सभापति को भी अपने साथ कर ली है। सफाई के नाम पर बंदरबाट के दम पर रिसाली
के जनता की खून पसीने की कमाई को कोई चुसे ये हम बर्दाश्त नही करेंगे। इस
दौरान अन्य एमआईसी के कई मेंबरों ने कहा कि सफाई ठेका के लिए जो निविदा
बुलाया गया था, उसमें कुल सात ठेकेदारों ने निविदा भरा था, लेकिन इसमें
मात्र दो लोगों का ही निविदा का लिफाफा खोला गया। जबकि भण्डार क्रय
नियमानुसार खुली प्रतिस्पर्धा के लिए न्यूनतम 3 निविदाकारों का पात्र
होना अनिवार्य है। इससे यह स्पष्ट है कि यह पूर्णत: नियम के विरूद्ध जाकर
कार्य किया जा रहा है। जब सात लोगों ने टेण्डर भरा था तो बाकी अन्य पांच
लोगों का निविदा क्यों नही खोला गया, इसका जवाब मांगने पर निगम
अधिकारियों द्वारा व आयुक्त द्वारा नही दिया जा रहा है। अफसर व सचिव फोन
नही उठाते। बुलाने पर भी नही आते है। एमआईसी के बैठक बुलाई जा रही है,
उसमें भी निगम आयुक्त व सचिव तथा निगम के अधिकारी नही आ रह
है।
उन्होंने आगे कहा कि 23 दिसंबर 2024 को मेयर इन काउसिंल की बैठक आयोजित
की गई थी। विषय सूची अलग थी, जिसमें सफाई का मुद्दा नही था और उस दिन
मेयर इन काउसिंल की बैठक का कोरम हम सभी ने उपस्थित होकर पूरा किया था
लेकिन कोई अधिकारी इस बैठक में नही आये। इसके अलावा गत 3 जनवरी 2025 को
पुन: मेयर इन काउसिंल की बैठक आयोजित क गई जिसमें षडयंत्र पूर्वक सफाई का
मुद्दा जोडा गया। कोई भी कार्य बिना इस्टिमेट के नही किया जा सकता है,
हमें वर्क ऑफ स्कोप की जानकारी मिली नही है। जब महापौर से पूछा गया कि
क्या सभापति को हटाने का कोई कार्ययोजना है, पर कहा कि यह सब कोरी अफवाह
है और उन्होंने एक और सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभापति कांग्रेस का
होते हुए भी आप लोग के साथ नही है, क्या कहीं वे भाजपा प्रवेश तो नही
करने वाले है पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ये तो वे ही
बेहतर बतायेंगे।
इस मामले में जब उनसे पूछा गया कि यह सब कार्य निगम अफसरों द्वारा
स्थानीय विधायक के इशारे पर किया जा रहा है क्या का उत्तर देते हुए
महापौर ने कहा कि इसमें स्थानीय विधायक ललित चन्द्राकर का कोई हाथ नही
है।
महापौर श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि इस मामले को लेकर एमआईसी मेंबर और
पार्षद सभी मेरे साथ है। हमारे लिए सफाई का मुद़दा सर्वोपरि है। एक में
डेढ करोड के टेंडर को 3 करोड़ सहित कुल चारों भाग में 16 करोड से भी अधिक
में किये जाने का हम विरोध करते है। इस मामले की शिकायत हमलोगों ने
कलेक्टर से की है कलेक्टर ने हमारी बात सुनने के बाद इस मामले को जांच
करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त करने की बात कही है लेकिन अभी तक जांच
अधिकारी नियुक्त नही हुआ है। वहीं इस निविदा को निरस्त करने के लिए हमने
निगम आयुक्त मोनिका वर्मा को भी पत्र दिये है, आपके द्वारा निविदा समिति
की सफाई के लिए अनुशंसा उपरांत एमआईसी में भेजा गया था जिसमें एमआईसी
द्वारा इस निविदा में प्राप्त दर पूर्व वर्षों की तुलना में अत्यधिक
ज्यादा है, इससे निगम को आर्थिक क्षति होने का अनुमान है, इस कारण इसे
निरस्त कर पुन: निविदा बुलाने की प्रक्रिया पूरी की जाये।
उन्होंनेे कहा कि सफाई के कार्योँ के लिए चार भागों में बांटा गया है
जिसमें एक भाग में 1 करोड 96 लाख रूपये का टेंडर 3 करोड रूपये में खुला
है। पूर्व में हमने रविन्द्र भगत के टेण्डर को कैंसिल किये है। निगम के
पास उतनी राशि नही है और सफाई करना हमारी पहली प्राथमिकता है। हमारी यही
मांग है कि इस टेण्डर को रद्द कर फिर से टेण्डर की प्रक्रिया की जाये।
उन्होंने सभापति के रवैय्या पर भी अंगुली उठाई और कहा कि इससे पहले भी
तीन चार बार वे विशेष सामान्य सभा करने की तिथि घोषित कर बार बार उससे
निरस्त किये है और विशेष सामान्य सभा के लिए महापौर व एमआईसी मेंबरों से
बिना सलाह मशविरा के ये कार्य कर रहे है। सभापति का पद संवैधानिक पद है,
उसकी गरिमा अलग रहती है, उनको विवादस्पद चीजों से अपने को बचाकर रखना
चाहिए।
जनप्रतिनिधियों का अपमान:- महापौर श्रीमती सिन्हा ने कहा कि हम लोग
निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। हमारा सम्मान रिसाली की जनता का सम्मान है।
सभापति और आयुक्त द्वारा बैठक के एक दिन पूर्व सूचना की प्रति उपलब्ध
कराई गई है जिससे स्पष्ट होता है कि आयुक्त नियमों का उल्लंघन करते हुए
सामान्य सभा का विशेष सम्मेलन आयोजित कर रही है। उन्होंने एक बात स्पष्ट
करते हुए कहा कि सभी कांग्रेस पार्षद हमारे साथ है, एकजुट है, कांग्रेस
पार्षद इस मामले को लेकर एकजुट नही है, यह अफवाह फैलाया जा रहा है।
इस दौरान कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष चन्द्रभान ठाकुर पार्टी के संगठन की
ओर से मौजूद थे और महापौर का पूरा समर्थन करते हुए पूरे आंकडों के साथ
अपनी बात रखी और कहा कि सफाई के कार्यों को चार भागों में बांटकर कार्य
किये जाने में प्रत्येक भाग में डबल से भी अधिक कितनी कितनी राशि बढाकर
टेण्डर दिया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग
उन्होंने करता हूं और सभापति के रवैया पर भी क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा
कि सभापति के इस कार्य की शिकायत कांग्रेस संगठन से की जायेगी। वैसे भी
पार्टी सभापति के कार्यों पर पूरी तरह नजर रखी हुई है।
पत्रकारवार्ता में पार्षद अनिल देशमुख, संजू नेताम, पूर्व एमआईसी मेंबर
गोविंद चतुर्वेदी, पार्षद चन्द्रप्रकाश सिंह, अनूप डे, परमेश्वर दास,
सीमा साहू, ममता यादव, रोहित धनकर, रंजिता बेनुआ, विजय नेताम, सरिता
देवांगन, सोनिया देवांगन, ईश्वरी साहू, जमुना ठाकुर, सारिका साहू के साथ
ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मुकुंद भाऊ, जिलाउपाध्यक्ष चन्द्रभान सिंह के
साथ ही ब्लॉक के महामंत्री चन्द्रकांत कोरे उपस्थित थे।
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फोटो रिकेश सेन
विधायक रिकेश सेन बने नगर पालिका चुनाव के लिए दुर्ग संभाग प्रभारी
भिलाई। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी नगर पालिका चुनाव के लिए वैशाली नगर
विधायक रिकेश सेन को दुर्ग संभाग का चुनाव प्रभारी/संयोजक नियुक्त किया
है। आपको बता दें कि आसन्न नगर पालिका चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने विधायक
रिकेश सेन, सचिन बघेल, डॉ. सियाराम साहू, पूनम चंद्राकर, संतोष अग्रवाल,
प्रदीप गांधी, लाभचंद बाफना, लोकेश कावडिय़ा, गौरीशंकर श्रीवास सहित 9
लोगों की टीम नियुक्त की है।
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आवश्यक, फोटो के ए अब्दुल
ेमैनेजमेंट की नीतियों से छोटे ठेकेदारों को अपात्र होने की आशंका,
सेल स्टील प्लांट कांट्रेक्टर एसोसिएशन की आपात बैठक में विभिन्न मुद्दों
पर हुई चर्चा, मैनेजमेंट से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
सेफ्टी जांच के नाम पर बिना किसी सूचना के लगाया जा रहा मनमाना अर्थदंड,
ठेका मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर मनमानी दर वसूल रही निजी एजेंसी
भिलाई। सेल स्टील प्लांट कांट्रेक्टर एसोसिएशन की आपात बैठक इंडियन काफ़ी
हाउस भिलाई निवास में अध्यक्ष के.ए. अब्दुल कादर की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में भिलाई इस्पात संयंत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श
किया गया और प्रबंधन से तत्काल समाधान की मांग की गई।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि पिछले कुछ माह से बी.एस.पी द्वारा समस्त छोटे
कार्यादेश को समाप्त कर एक बड़े कार्यादेश में तब्दील करने की प्रक्रिया
चल रही है। बीएसपी ने अपने हर विभाग में कार्य करने के लिए विभिन्न
श्रेणी के ठेकेदार का पंजीयन किया है, जिससे कई वर्षों से कार्य कर रहे
छोटे ठेकेदार अपात्र होने के कारण कार्य से वंचित हो जाएँगे। इससे उनका
जीवनयापन मुश्किल हो जाएगा। बैठक में सदस्यों ने प्रबंधन से मार्मिक अपील
की कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। सदस्यों ने मांग की कि प्रबंधन की
आवश्यकता अनुसार हर कार्य समय से करने वाले समस्त ठेकेदारों का ध्यान
रखते हुए श्रेणी के अनुरूप ठेकेदारों को काम दिया जाए और वर्षों से चल
रही परंपरा को खत्म न किया जाए।
एक अन्य मुद्दा उठाते हुए सदस्यों ने कहा कि पिछले कुछ माह से सुरक्षा
विभाग द्वारा सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस जांच के दौरान
श्रमिकों की फोटो खींचकर ठेकेदार पर मनमाना अर्थदंड बिना किसी सूचना के
लगाया जा रहा है। जिसकी जानकारी ठेकेदार को वित्त विभाग द्वारा की जा रही
सीधी कटौती से मिल रही है। एसोसिएशन ने मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में
रखते हुए इस अर्थदंड को कम करने की मांग की है।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि वर्तमान में ठेका कार्मिकों का चिकित्सीय
परीक्षण निजी संस्था द्वारा मनमानी दर पर किया जा रहा है। एसोसिएशन ने
मांग की है कि यह जांच राज्य सरकार द्वारा संचालित ई.एस.आई.सी के भिलाई
स्थित चिकित्सालय में करवाई जाए।
सदस्यों ने नए ठेकेदारों के पंजीयन पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वर्तमान
में लगभग 500 ठेकदार पंजीकृत है, प्रबंधन उन्हें कार्य नहीं दे पा रहा है
अपितु नए पंजीयन निरंतर चल रही है जो समझ से परे है। बैठक में पात्रता
मानदंड/समान कार्य मुद्दे पर केन्द्रीय सुचना आयोग नई दिल्ली के दखल के
बावजूद मैनेजमेंट द्वारा पहल नहीं किए जाने का मुद्दा उठा। वहीं आदेश क्र
सीएलसी/एमओएसटीएल/ए/2017/1333439 के परिपत्र का अनुपालन प्रबंधन द्वारा
कदम न उठाए जाने विचार विमर्श एवं ओएंडएम /प्रोसीजर/1307 दिनांक
22.10.2018 के संबंध में भी चर्चा की गई। सदस्यों ने निविदा में
पारदर्शिता एवं लाटरी सिस्टम के साथ कार्यादेश पात्रता पर विचार विमर्श
किया।
बैठक में अध्यक्ष के. ए. अब्दुल कादर ने कहा कि इन सारी समस्याओं के
समाधान और कांट्रेक्टर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए उच्च अधिकारियों
के साथ बैठक की जाएगी। इस बैठक में मुख्य रूप से स्नेहा कंस्ट्रक्शन
कंपनी, पेरिस इंजीनियरिंग वक्र्स, शांति कंस्ट्रक्शन, आदित्य
फैब्रिकेटर्स, उमापति कॉन्ट्रैक्टर्स, नितेश एंटरप्राइजेज, सूर्य वेणी
कंस्ट्रक्शन, मन्ना कंस्ट्रक्शन, आर.एन. कंस्ट्रक्शन, बीएमसी इरेक्टर्स,
तिरूपति इंजीनियर्स, टैब्स एसोसिएशन, एस.एस. इरेक्टर्स, एल.के.
कंस्ट्रक्शन, सुमित कंस्ट्रक्शन, सिग्मा इंटरप्राइजेज, ए.के.
कंस्ट्रक्शन, ताज कंस्ट्रक्शन कंपनी, मिश्रा कंस्ट्रक्शन, रोशनी एंड
प्रेरणा कंपनी, ब्रॉडवे इंजीनियर्स, विकास कंस्ट्रक्शन, साही
कंस्ट्रक्शन, नास इंटरप्राइजेस और एरो इंजीनियरिंग के प्रतिनिधियों सहित
संतोष खिरोडकर, पप्पू शर्मा, राजेश कुमार सचदेव, राम सुंदर मेहता, जी.
मनोहरन नायर व के. ए. अंसार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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