January 13, 2025

महर्षि ज्ञान युग दिवस महोत्सव महर्षि संस्कृत एवं परंपराओं के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना के अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर स्मृति नगर भिलाई द्वारा वार्षिकोत्सव एंव पुरस्कार वितरण कार्यक्रम

महर्षि ज्ञान युग दिवस महोत्सव महर्षि संस्कृत एवं परंपराओं के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना के अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर स्मृति नगर भिलाई द्वारा वार्षिकोत्सव एंव पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मान.श्री विजय बघेल जी सांसद दुर्ग लोकसभा के आतिथ्य मे सपंन्न हुआ सांसद जी ने अपने वक्तव्य मे कहा की आज बहुत ही पूर्ण दिन है

पावन दिन है दो ऐसे महान संत जिनकी जन्म जयंती है स्वामी विवेकानंद जी 165 जिनका जन्म हुआ और 162 जन्म जयंती हम सब मना रहे हैं उसको नमन करता हूं प्रणाम करता हूं और गुरुदेव पूज्य महर्षि जी के108 वा जन्म जयंती के शुभ अवसर पर आज इस विद्या के मंदिर महर्षि विद्या मंदिर में हम सब अपने नन्हे मुन्ने प्यारे बच्चों की मनभावन प्रस्तुतियां देख रहे हैं यहां पर प्रमुख रूप से उपस्थित भाई राजीव चौबे जी स्मृति नगर सोसाइटी के सम्माननीय अध्यक्ष या के प्रचार श्री अनुराग मिश्रा जी सम्माननीय आई के साहू जी सम्माननीय अरविंद पांडे जी और इस विद्यालय की सभी हमारी व्याख्याता बहनें भाइयों स्टाफ के अनुसार क्यों और यहां उपस्थित सम्माननीय पलक्कड़ और प्यारे बच्चों अन्य सभी उपस्थित साथीगढ़ आप सब का हृदय से स्वागत अभिनंदन है अभी लगातार मैं स्कूलों के कार्यक्रम में जा रहा हूं और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है यह जो दिसंबर जनवरी का महीना है पूरा सभी स्कूलों में वार्षिक उत्सव होते हैं अभी हमारे इतिहास के बारे में भाई राजीव जी बता रहे थे मैं उसे दोहराना नहीं चाहता हमारे हिंदुस्तान हमारे भारत का जो ज्ञान है वह था सागर है अनेक साधु संतों ने

गुरुकुल के माध्यम से राजकुमारों को और अन्य लोगों को ज्ञान बांटने का और ज्ञान देने की परंपरा शुरू की और वही गुरुकुल परंपरा स्वामी महर्षि जी ने शुरुआत की स्वामी अरविंदो जी ने न जाने कितने साधु संतों ने इस परंपरा को लगातार चलाए आज हमारे राष्ट्रीय स्वयं संघ के माध्यम से भी जो विद्या भारती है उसके माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना हुई इस बात को लेकर जो आज व्यवसाय चरण हो गया शिक्षा का उसे हम बचें और दूसरों को बचाएं हमारी जो शिक्षा नीति है वह उसे उद्देश्य को लेकर चले जो संतों ने चलाई थी और वही ज्ञान बांटने का काम करें ज्ञान देने का वार्ड कर बात करें और आज मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि महर्षि विद्या मंदिर के कार्यक्रम में आया हूं जहां इस परंपरा के निर्वहन करते हुए आज स्कूल लगातार चल रहा है बीच में बहुत सारी समस्याएं लेकिन फिर से एक बार के स्कूल चल पड़ा है और मेरी शुभकामनाएं हैं की भाई अनुराग जी के नेतृत्व में यह स्कूल और ज्यादा खुले बालकों का आकर्षण या बड़े अच्छे कल के नागरिकों का निर्माण यहां से हो यह मेरी शुभकामनाएं मैं यह भी जान रहा हूं कि ऐसे स्कूलों में बहुत कम आय वाले और मध्यम वर्ग की बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती क्योंकि यही तो उद्देश्य था और यह उद्देश्य इस देश के हर वर्ग के लोगों को ज्ञान देने की परंपरा निर्मित करती कितनी मनभावन प्रस्तुतियां थी यहां के स्टाफ के मेहनत को मैं बहुत-बहुत धन्यवाद दे दूंगा की आंखें हमारी बहनें बहुत सुंदर इन बच्चों को इस रूप में डाले हैं बड़े-बड़े होती है वहां से कब नहीं है इसलिए बच्चों को भी और स्टाफ को भी अपनी ओर से बहुत बधाई शुभकामनाएं देते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं बहुत-बहुत धन्यवाद इस अवसर पर महर्षि विद्या पीठ के प्राचार्य व शिक्षक शिक्षीका व पालक गण विद्यार्थि उपस्थित थे