मजबूती की उम्र में कमजोर दिल? : पुरुषों में हीक्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, एक्सपर्ट सेसमझें
• कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। पहले दिल के दौरे, स्ट्रोक और हृदय व धमनियों के अन्य रोग केवल उम्रदराज़ लोगों में देखे जाते थे, लेकिन अब 40-45 तो छोड़िए, ये 25-30 की उम्र के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहे हैं। आखिर ग़लती कहां हो रही है….पिछले कुछ अरसे से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले तेज़ी से सामने आ रहे हैं। हाल के महीनों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से कई युवा हस्तियों ने जान गंवाई है। इनमें टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला, कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार आदि शामिल हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम थी। कुछ ही दिन पहले बंगाली अभिनेत्री एन्द्रिली शर्मा की कार्डियक अरेस्ट के चलते मात्र 24 साल की उम्र में ही मौत हो गई थी। वहीं कई घटनाएं ऐसी भी सामने आईं जिनमें कम उम्र के पुरुषों ने डांस या जिम में वर्जिश करते हुए जान गंवाई। विशेषज्ञों के अनुसार यदि हृदय से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या है तो दौड़ना, जिम में व्यायाम करना, डांस करना घातक हो सकता है।आंकड़े बताते हैं कि…इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, बीते सालों में 50 वर्ष से कम उम्र के 50 फ़ीसदी और 40 साल से कम उम्र के 25 फ़ीसदी लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम देखा गया है। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले बेहद कम हैं। इससे साफ़ समझा जा सकता है कि पुरुषों को दिल से जुड़ी समस्याओं का ज़्यादा सामना करना पड़ रहा है।कम उम्र में क्यों हो रहे हैं हृदय रोगइसके तार सीधे-सीधे जीवनशैली से जुड़े हुए हैं। धूम्रपान और शराब की लत युवाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिसीज़ के लक्षण पैदा कर देती है। इसके बाद शरीर में फैट जमता है और फिर उसे कोरोनरी हार्ट बीमारी हो जाती है। शराब के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ता है, जिसका सीधा असर रक्त वाहिकाओं पर पड़ने से हार्ट पंपिग शुरू हो जाती है। इससे हार्ट अटैक होने का ख़तरा बढ़ जाता है।ग़लत खानपानआजकल हर क्षेत्र में दबाव इतना बढ़ गया है कि युवा कामके आगे अपने खानपान व दिनचर्या का ध्यान नहीं रखते हैं।इसके चलते दिल से जुड़ी कई तरह की समस्याएं घेर लेतीहैं। जंक फूड का अधिक सेवन भी युवाओं की सेहत पर भारीपड़ रहा है। इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा अधिक बढ़ती हैजिसका सीधा प्रभाव हृदय पर पड़ता है।अधिक तनावमानसिक तनाव भी एक कारण कारण है। काम का बोझ सीधा रक्त वाहिकाओं पर असर डालता है। इसके कारण युवा और मध्यवय के लोग रक्तचाप जैसी बीमारियों का शिकार का ख़तरा अधिक होता है। लोग तनाव अधिक लेते हैं और नींद पूरी नहीं करते। देर रात सोना और आठ से कम घंटे की नींद दिल को बीमार बनाती है।मधुमेह है कारणडॉक्टरों का मानना है कि युवाओं में मधुमेह भी दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण हो सकता है। अन्य देशों की तुलना में भारत में मधुमेह के रोगी सबसे अधिक हैं। आंकड़ों के अनुसार, 2019 में भारत में 7.7 करोड़ मधुमेह के रोगी थे। इनमें से आधे से अधिक को अपनी बीमारी का पता ही नहीं है। मधुमेह रोगियों की संख्या 2045 तक बढ़कर 13 करोड़ से अधिक हो जाने की संभावना है।जिम और डांस के दौरान ही क्यों?हार्ट अटैक का ख़तरा उन लोगों को ज़्यादा होता है जिन्हें लंबे समय से मधुमेह या रक्तचाप की समस्या होती है। दरअसल, ज़्यादा मेहनत करने से दिल की धमनियों में एथेरोस्क्लेरोटिक प्लाक के फटने का ख़तरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक आ सकता है। बहुत भारी और मेहनत वाला वर्कआउट करने की वजह से भी सीने पर ज़ोर पड़ता है जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है और हार्ट अटैक का ख़तरा कई गुना बढ़ सकता है। लिहाज़ा भारी व्यायाम विशेषज्ञ की सलाह से और उसकी निगरानी में ही करें।