तीन रंग और तीन भाग्य के रेखाओं को जीवन में धारण करो तो भारत विश्व गुरु बन जाएगा
अंतर्दिशा भवन में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणतंत्र दिवस..
भिलाई 26 जनवरी 2025:- आज सेक्टर 7 स्थित अंतर्दशा भवन के पीस ऑडिटोरियम प्रांगण में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ 76th गणतंत्र दिवस मनाया गया। देश की शान तिरंगा ध्वज के नीचे ब्रह्मावतस की एकजुटता देखने लायक थी।
वरिष्ठ राजयोगिनी प्राची दीदी ने भारत देश के राष्ट्रीय महापर्व 76th वे गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए सभी को कहा कि तिरंगे ध्वज के नीचे हम सभी यह संकल्प करेंगे कि हमें भारत को पुनः स्वर्णिम बनाना है।
सभी ब्रह्माकुमारी दीदियों ने मिलकर ध्वजारोहण किया।
विशेष झारसुगुड़ा सेवाकेंद्र से पधारी ब्रह्माकुमारी अश्विनी बहन ने गर्वपूर्ण तरीके से कहा कि आज ही के दिन 1950 को लागू हुआ था हमारे भारत देश का संविधान। तब ही से लेकर यह हमरा 76th वा वर्ष है जो हम सारे भारत वासी इकठ्ठे हो देश के इस राष्ट्रीय महापर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
आपने बताया जिस तरह संविधान का पालन करने से देश व्यवस्थित रूप से चलता है ठीक उसी प्रकार अगर हम प्रतिदिन उच्चारित परमात्म महावाक्यों का अनुसरण और राजयोग का अभ्यास अपने दैनिक जीवन में नियम प्रमाण समझ करेंगे तो हम भी सुखी रहेंगे व औरों को भी सदा सुखी बना सकेंगे।
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए ब्रह्माकुमारी सीमा दीदी ने कहा कि निराकार शिव परमात्मा ने हमें तीन भाग्य की रेखाएं दी है- एक है जन्म की रेखा, दूसरा है सम्बंध की रेखा व तीसरा है प्राप्तियों की रेखा। ठीक इसी प्रकार हमारे देश की आन-बान-शान तिरंगा भी जिसमें तीन रंग है वे रंग भी हमसे कुछ कहते हैं। केशरिया रंग जो हमारे देश के साधु-संत धारण करते हैं, से तुलना करते हुए कहा कि यह त्याग व तपस्या का प्रतीक है।
सफेद रंग की महिमा करते हुए कहा कि जो पवित्रता व शांति का प्रतीक है और जिसे बड़े ही गर्व से हम ब्रह्माकुमारीयाँ धारण करते हैं। और सभी को यही परमात्म संदेश देते हैं। तीसरा रंग है हरियाली रूपी सुख शांति, संतुष्टता का प्रतीक है।
यह तीनों ही रेखाएं व तीनों ही रंगों के मर्म को अगर हम अपने जीवन में धारण करेंगे तो सारे विश्व को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकेंगे।
इसी कड़ी में ब्रह्माकुमारी स्नेहा दीदी हर्ष व्यक्त करते हुए गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें सभी को दी।
तत्पश्चात डिवाइन ग्रूप की नन्ही बालिका ने “हर एक मन में उजाला है, हर एक मन में मोहब्बत है, दिलों में साफ़ नियत है तो हिन्दुस्तान जन्नत है” व “ऐसा केशरिया भारत मेरा” जैसे अर्थपूर्ण देश भक्ति गीतों पर सुंदर प्रस्तुति दी।
अंत में ध्वजारोहाण करते व भारत माता की जय व वंदे मात्रम जैसे जयघोष करते सभी ने श्रेष्ठ संकल्प लिया कि हम सभी स्व परिवर्तन से विश्व को परिवर्तन करेंगे।