सभी वर्गो के लिए हितकारी बजट* _ अमित मिश्रा
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष ने बताया की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने GYAN यानी गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी-शक्ति!
इन वर्गों पर विशेष ध्यान दिया है!
युवाओं के लिए बजट में क्या खास प्रावधान किए गए हैं, बजट भाषण में उसका खास जिक्र नहीं था लेकिन एजुकेशन और कौशल विकास पर जोर साफ दिखा।
23 IIT में 1.35 लाख स्टूडेंट्स मौजूद
IIT पटना का विस्तार होगा
मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने का ऐलान
पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा,
आईआईटी पटना का विस्तार होगा
वित्त मंत्री के बजट भाषण में इसकी छाप दिखी भी। सरकार ने बजट के जरिए किसान, महिला और युवा को साधने की कोशिश की है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष अमित मिश्रा ने बताया कि जनहित के लिए समर्पित केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सर्वहितैषी व सर्वसमावेशी है! अपने वादों के अनुरूप कार्य करना भाजपा सरकार की नीति रही है!
सभी वर्गो के लिए बजट में विशेष ध्यान दिया गया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला
अध्यक्ष अमित मिश्रा ने बताया की बजट में केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी है। अभी तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए 3 लाख रुपये तक का उधार दिया जाता है। सरकार ने इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है।
मेक इन इंडिया, इंप्लॉयमेंट और इनोवेशन, एनर्जी सप्लाई, स्पोर्ट्स का डेवलपमेंट, एमएसएमई का विकास हमारी विकास यात्रा में शामिल हैं और इसका ईंधन रीफॉर्म्स हैं। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद की संभावना है। ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा। कौशल, निवेश से कृषि में रोजगार का सुधार होगा। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प पैदा करना है। युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं, किसानों छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित करेगा। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।
खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता कै लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है। 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियोें में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां उतनी दलहन खरीदेंगी जितनी लाएगी।