11 अधिकारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विरोध में ओए-बीएसपी 20 मार्च को करेगा ब्लैक बैच

11 अधिकारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विरोध में ओए-बीएसपी 20 मार्च को करेगा ब्लैक बैच
सेल में 11 अधिकारियों को अनुचित रूप से समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के विरोध में सेफी के आव्हान पर ऑफिसर्स एसोसिएशन, भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई द्वारा दिनांक 20.03.2025 को अधिकारियों द्वारा ब्लैक बैच पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया जाएगा।
विदित हो कि स्टील एक्सीक्यूटिव फेडरेशन आफ इंडिया (सेफी) की नई कमिटी बनने के बाद पहली वर्चुअल काउंसिल मीटिंग में सेफी से संबद्ध सभी इकाईयों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से सेल में समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू करने का विरोध किया। सेफी ने इस अनुचित निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रणनीति पर विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया कि पहले चरण में सेल के सभी इकाईयों में गेट मीटिंग के माध्यम से दिनांक 18.03.2025 को विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसी क्रम में सेल के अधिकारियों द्वारा दिनांक 20.03.2025 को ब्लैक बैच लगाकर विरोध दर्ज किया जाएगा।
सेफी के इस आव्हान के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र में पहले चरण के विरोध प्रदर्शन के तहत दिनांक 18.03.2025 को सायं 5.45 बजे से सायं 6.45 बजे तक मुर्गा चौक (इक्यूपमेंट चौक) एफएसएनएल भवन के पास गेट मीटिंग का सफल आयोजन किया गया था। गेट मीटिंग व ब्लैक बैच को सफल बनाने हेतु 17.03.2025 को प्रगति भवन में ओए कार्यकारिणी की एक अहम बैठक आयोजित की गई थी।
इस संदर्भ में सेफी चेयरमेन एवं ओए अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने सेल में अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू किए जाने की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि सेल एक महारत्न कंपनी है, जिसे “ग्रेट प्लेस टू वर्क“ से सम्मानित किया गया है। जिसके पीछे सेल के कर्मठ कार्मिकों का निरंतर समर्पण व योगदान है। परंतु समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति के इस निर्णय से कार्मिकों का मनोबल गिरेगा, जिसका प्रभाव कंपनी के निष्पादन पर पड़ने की आशंका है। सेल प्रबंधन का यह निर्णय कार्मिकों को हतोत्साहित करने वाला है। सेफी सेल प्रबंधन से यह मांग करती है कि हाल ही में 11 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द किया जाए जिससे सेल के सकारात्मक कार्य संस्कृति को बचाया जा सके। श्री बंछोर ने इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उद्योगों के मर्जर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देना राष्ट्रहित में होगा व अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना जनहित में नहीं है।