11 अधिकारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विरोध में बीएसपी के अधिकारियों ने ब्लैक बैच पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया।

सेल में 11 अधिकारियों को अनुचित रूप से समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के विरोध में सेफी के आव्हान पर भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई एवं दल्ली राजहरा माइंस के अधिकारियों द्वारा ब्लैक बैच पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया।
विदित हो कि स्टील एक्सीक्यूटिव फेडरेशन आफ इंडिया (सेफी) की नई कमिटी बनने के बाद पहली वर्चुअल काउंसिल मीटिंग में सेफी से संबद्ध सभी इकाईयों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से सेल में समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू करने का विरोध किया। सेफी ने इस अनुचित निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रणनीति पर विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया कि पहले चरण में सेल के सभी इकाईयों में गेट मीटिंग के माध्यम से दिनांक 18.03.2025 को विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसी क्रम में सेल के अधिकारियों द्वारा विभिन्न इकाईयों में आज दिनांक 20.03.2025 को ब्लैक बैच लगाकर विरोध दर्ज कराया गया।
सेफी के इस आव्हान के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र में पहले चरण के विरोध प्रदर्शन के तहत दिनांक 18.03.2025 को सायं 5.45 बजे से सायं 6.45 बजे तक मुर्गा चौक (इक्यूपमेंट चौक) एफएसएनएल भवन के पास गेट मीटिंग का सफल आयोजन किया गया था।
इस संदर्भ में सेफी चेयरमेन एवं ओए अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने सेल में अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू किए जाने की निंदा की है। श्री बंछोर ने सेल के सभी अधिकारियों को जिन्होंने ब्लैक बैच पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया है उन्हें सेफी की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
सेल प्रबंधन का यह निर्णय कार्मिकों को हतोत्साहित करने वाला है। जिससे सेल के सकारात्मक कार्य संस्कृति की क्षति पहुंचने की संभावना है। श्री बंछोर ने इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उद्योगों के मर्जर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देना राष्ट्रहित में होगा व अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना जनहित में नहीं है।
ओए-बीएसपी के सभी पदाधिकारियों, जोनल प्रतिनिधियों एवं ओए-बीएसपी के सदस्यों ने ब्लैक बैच पहनकर अपने कार्यस्थलों पर कार्य किया एवं सेफी के आव्हान पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विरूद्ध एकजुट होकर इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन को अपना विरोध दर्ज कराया।
विदित हो कि सेल प्रबंधन ने अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए अधिकारियों द्वारा समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्त के आदेश को निरस्त करने की अपील खारिज कर दी है। सेफी चेयरमेन श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने बताया कि सेफी ने प्रभावित अधिकारियों को न्याय दिलाने हेतु माननीय न्यायालय में जाने का निर्णय लिया है।