शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सरकार की गलत नीतियों के कारण भटक रहे लोग

वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून बना और छत्तीसगढ़ में इसका नोटिफिकेशन हुआ पर इसमें राज्यो को संशोधन का *अधिकार है और बच्चो को इनका अधिकार देने के लिए जरूरी परिवर्तन होना चाहिए पर सरकार की अनदेखी के कारण आज पालक* *collectrate ,शिक्षा अधिकारी और नोडल अधिकारी व नेताओ के चक्कर काट रहे है,
आज ज़न अधिकार परिषद कार्यालय में मुझसे मिल कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया और सहयोग की अपील किये मैंने आश्वस्त किया व सभी के नाम सूचीबद्ध कर जिलाधीश व शिक्षा विभाग में इसके निराकरण के प्रयास प्रारंभ कर दिए।*
*विदित हो कि फीस नियामक आयोग के गठन के लिए जन अधिकार परिषद ने वर्ष 2013 से 2019 तक निरंतर हाई कोर्ट में जन हित याचिका के माध्यम से संघर्ष किया और 2019 में राज्य सरकार ने निजी स्कूल नियामक आयोग का गठन किया और बिलासपुर हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा और मनमानी फीस व अन्य शुल्क बढ़ोतरी पर रोक लगी अब अधिकतम* *8% स्कूल शुल्क बढ़ा सकते है नियामक आयोग के गठन से पहले 15% से22% तक मनमाने तरीके से फीस बढ़ा लेते थे।*
*जल्दी पलको के समाधान हेतु जिलाधीश व शिक्षा अधिकारी से मिलकर समस्या का निराकरण करेंगे ,और गरीब बच्चो को अच्छी शिक्षा अच्छे स्कूलों में प्राप्त हो सकेगी।*