May 21, 2025

हाईकोर्ट बिलासपुर में “सँयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ” के अध्यक्ष *उज्जवल दीवान द्वारा याचिका लगाई गई है

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नक्सली क्षेत्रों में तैनात पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को नक्सली भत्ता सातवें वेतनमान के हिसाब से देने व नक्सली भत्ते की एरियर्स राशि 01/01/2016 से देने हेतु हाईकोर्ट बिलासपुर में *”सँयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ”* के अध्यक्ष *उज्जवल दीवान* द्वारा याचिका लगाई गई है।

सँयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ के अध्यक्ष उज्जवल दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत जवानों को इंसाफ दिलाने के लिए उच्च न्यायालय बिलसपुर मे याचिका दायर की है।

उज्जवल दीवान का कहना है कि देश मे सातवाँ वेतनमान लागू हुए 9 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और 01/01/2026 से आठवाँ वेतनमान लागू हो जाएगा, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग जो लगातार नक्सलियों पर कार्यवाही कर रहे है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की महत्वाकांक्षी योजना जिसे तहत 31/03/2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त बनाने हेतु जवान त्तपर है, जिसके लिए हजारों जवान अपनी जान की बाजी लगा कर नक्सलियों से दिन रात लोहा ले रहे हैं, इस लड़ाई में कई जवान शहीद हो चुके हैं तथा कई जवान घायल हो चुके हैं, नेता, मंत्री और बड़े अधिकारी सिर्फ जवानों को शाबासी देते हैं और सहानुभूति व्यक्त करते हैं जवानों की मूलभूत तकलीफों से किसी को भी कोई मतलब नही है इसलिए आज भी शोषण के शिकार सभी जवान नक्सली भत्ता छठवें वेतनमान के हिसाब से ले रहे हैं और अपनी तकलीफ किसी को बताए बिना 24 घण्टे लगातार सेवा दे रहे हैं। किसी भी पद के अधिकारी और कर्मचारी में इतनी हिम्मत नही की 9 साल बीत जाने के बाद भी अपने हक के लिए सरकार से मांग कर सके पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उपपुलिस अधीक्षक पद के अधिकारी भी चुपचाप नक्सली क्षेत्रों में तैनाती काट कर आ गए हैं या तैनाती काट रहे हैं लेकिन अपने हक के लिए सरकार के सामने नही बोल पाए हैं तब आप सोच सकते हैं कि निरीक्षक और आरक्षकों के अंदर कितनी हिम्मत बची होगी जो अपने हक की माँग कर सकें। कुछ बोलने पर अनुशासन नामक डंडा चला कर जवानों को चुप करा दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ आईपीएस पद के अधिकारी और केंद्रीय बल के जवान सातवें वेतनमान के हिसाब से नक्सली भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। यह केस जीतने पर *नक्सल क्षेत्रों में तैनात या तैनाती काट चुके छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा* के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रति वर्ष लगभग नीचे दर्शाए अनुसार फायदा होगा 👇🏻

1) पुलिस अधीक्षक को 1.5-2 लाख रुपये प्रति वर्ष
2) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को 1.25-1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष
3) उप पुलिस अधीक्षक को 1-1.20 लाख रुपये प्रति वर्ष
4) निरीक्षक को 1-1.10 लाख रुपये प्रति वर्ष
5) उपनिरीक्षक को 80000-1 लाख रुपये प्रति वर्ष
6) सहायक उपनिरीक्षक को 60-80 हजार रुपये प्रति वर्ष
7) प्रधान आरक्षक को 50-60 हजार रुपये प्रति वर्ष
8) आरक्षक को 40-50 हजार रुपये प्रति वर्ष
9) डीएसएफ आरक्षक को 35-45 हजार रुपये प्रति वर्ष
10) सहायक आरक्षक को 25-30 हजार रुपये प्रति वर्ष का फायदा होगा।