धर्मांतरण के कथित आरोपों से विश्वदीप स्कूल में मचा हंगामा… जिला प्रशासन की जांच टीम ने आरोपों को बताया गलत, मामले का पटाक्षेप होने के बाद शांत हुए प्रदर्शनकारी
दुर्ग। सिविल लाइन स्थित विश्वदीप हायर सेकेंडरी स्कूल में क्रिश्चियन
मिशनरीओ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय समर कैंप में बच्चों के कथित धर्मांतरण
के आरोपों ने रविवार को शहर में तनाव पैदा कर दिया। यह आरोप बजरंग दल,
भाजपा व अन्य हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाया गया था।
जिनकी शिकायत से हरकत में आई जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने विश्वदीप
स्कूल के कार्यक्रम स्थल पहुंचकर धर्मांतरण के आरोपों की जांच पड़ताल की,
तो मामले की वास्तविकता अलग निकली। जांच टीम में नयाब तहसीलदार ढालेंद्र
बिसेन, प्रेरणा सिंह, सीएसपी वैभव बैंकर, जिला शिक्षा विभाग के बीईओ
गोविंद साहू, थाना प्रभारी एसएन सिंह, पद्मापुर पार्षद हेमा शर्मा,
हिंदूवादी संगठन के अंजय ताम्रकार, अहिल्या यादव शामिल थे। जांच टीम
द्वारा कार्यक्रम स्थल की एक-एक पहलुओं की जांच की गई। लैपटॉप खंगाले गए।
कार्यक्रम में मौजूद फादर और बच्चों से बयान लिए गए। जांच पड़ताल उपरांत
कार्यक्रम स्थल से बाहर आए जांच टीम ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शनकारियों
को बताया कि कार्यक्रम में धर्मांतरण जैसी कोई बात नहीं है। कार्यक्रम
में बच्चों को भगवान यीशु और बाइबल की जानकारी दी जा रही है। जांच टीम ने
यह भी बताया कि कार्यक्रम आयोजन के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला
प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। बगैर अनुमति के आयोजन की वजह से आरोपों
व संदेह की स्थिति उत्पन्न हुई है। अनुमति नहीं लेने के मामले में जिला
प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम की रिपोर्ट सुनने के बाद ही
हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत हुआ और वे वापस लौट
आए। धर्मांतरण के कथित आरोपों की खबर पर बजरंग दल के रामलोचन तिवारी,
जिला भाजयुमो अध्यक्ष जीत हेमचंद यादव, रितेश कुमार शर्मा, पार्षद
शिवेंद्र सिंह परिहार, भाजपा नेता सतीश समर्थ, अजय तिवारी, डॉक्टर सुनील
साहू, पोषण साहू, आरएसएस के महेश यादव, प्रमोद वाघ, नरेश शर्मा, रितेश
जैन के अलावा हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर घंटों सक्रिय रहे।
कार्यकर्ताओं की भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या
में पुलिस बल तैनात रही। मालूम हो कि विश्वदीप स्कूल में आयोजित समर कैंप
में बच्चों के कथित धर्मांतरण के आरोप सामने आने के बाद विरोध में
हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटे थे। विरोध में
महिला कार्यकर्ता भी पीछे नहीं रही। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं
द्वारा स्कूल परिसर पर धरना दिया गया और जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश
जताया गया, क्योंकि प्रदर्शन के शुरुआती समय पर प्रदर्शनकारियों को मौके
पर जवाब देने वाले जिम्मेदार लोग कोई नहीं थे। स्कूल प्रबंधन द्वारा भी
चुप्पी साधे रखी गई थी। जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारी कई तरह के आरोप लगाते
रहे। हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन से ईसाई समाज के लोग भी विश्वदीप
स्कूल पहुंचे थे। दोनों पक्ष अपने अपने समर्थन में नारेबाजी भी करते नजर
आए ।जिससे मौके पर तनाव बढ़ता देख पुलिस बल ने हस्ताक्षेप कर उन्हें
नियंत्रित किया। हिंदूवादी संगठनों के आरोपों का जिला प्रशासन के
अधिकारियों की अगुवाई में बनी जांच टीम द्वारा सही समय पर समाधान कर
पटाक्षेप कर दिया गया, अन्यथा की स्थिति में मामले के तूल पकड़ने से इंकार
नहीं किया जा सकता था।