व्हीव्हीआईपी जिले में वरिष्ठ अधिकारियो से प्राप्त आवेदनों की जांच पड़ताल में पुलिस कर रही है हीला हवाला न्याय पाने के लिए भटक रहे हैं फरियादी
भिलाई। व्हीव्हीआईपी जिला दुर्ग जिस जिले में स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पीएचई मंत्री गुरू रूद्र कुमार के अलावा युवा विधायक देवेन्द्र यादव जैसे कद़दावर जनप्रतिनिधि है, और जनता की समस्याओं को और कानून से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी गाहे बगाहे वह पुलिस के आलाअफसरों को जनता की समस्याओं को लेकर फोन करते है लेकिन जनता के द्वारा दिये गये आवेदनों और निवेदनों पर दुर्ग पुलिस कितनी गंभीर है ये स्पष्ट होता दिख रहा है कि दुर्ग रेंज के आईजी डॉ.आनंद छाबड़ा व पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के पास फरियादियो द्वारा दिये गये आवेदनपत्रों पर महिनो महिनो बीत जाने के बाद भी किसी तरह की जांच पड़ताल थानेदारों द्वारा नही की जा रही है। थानेदारों द्वारा सीसी (आईजी व एसपी कार्यालय से प्राप्त आवेदन) जांच को अपने मातहत विवेचक को देने के बावजूद और महिने दो महिने बीत जाने के बाद भी फरियादी इस आस में बैठा रहता है कि दुर्ग पुलिस को दिये हुए आवेदन पर कार्यवाही कर उसे न्याय दिलायेगी लेकिन सीएम और एचएम के जिले में ये जांच दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। साथ ही रेंज के आई जी व पुलिस कप्तान शलभ सिन्हा ने हमेशा आवेदनों को गंभीरता से लिया है और जल्द से जल्द जांच पड़ताल करके यदि एफआईआर के लायक है तो एफआईआर दर्ज करे और यदि फेना (धारा 155) देने लायक है तो उनके दे। लेकिन ऐसा कुछ भी होते हुए नही दिख रहा है। कहीं ना कहीं फरियादियों का दुर्ग पुलिस से विश्वास अब उठता हुआ नजर आ रहा है। जबकि थानो में थानेदारों के अलावा सुपरविजन अधिकारी प्रत्येक डिविजन में सीएसपी व सीएसपी के उपर एएसपी स्तर के अधिकारी भी लगातार अपने कार्यालयों में बैठे है लेकिन ऐसे आवेदनों पर किसी की कोई मानिटरिंग दिखाई नही दे रही है। ऐसे कई आवेदनकर्ता लगातार पुन: एसपी आईजी के कार्यालय का चक्कर लगाने मजबूर है। चूंकि जनप्रतिनिधि के पास चुनावी सरगर्मियां अब नजदीक होने के कारण वह समय पर नही मिल पाते और यदि मिलते भी है तो ठीक है मैं बात करूंगा कहकर ऐसा हिला हवाला देकर चलते बनते हैं। कई मामलों में तो सीएम हाउस व एचएम हाउस से पत्र भी आवेदनों के संबंध में एसपी ऑफिस कार्यालय को मिल तो रहा है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। अब फरियादी आखिरकार अब न्याय केलिए कहां जाये। लेन देने के मामलों में तो दुर्ग पुलिस सीधे फेना देने की बात कहती है लबकि मजबूरी का लाभ उठाने वाले रंगबाज पैसों के साथ डराने और धमकाने का भी काम इस जिले में बेधड़ कर रहे हैं। ऐसे कई मामले के आवेदन पर भी विचार नही हो पा रहा है, ठीक है लेन देन अलग विषय है लेकिन जो धमकी चमकी मिल रही है, उसके लिए जो कानूनी धाराएं है, वो तो धमकी चमकी देने वाले के उपर लगनी ही चाहिए। पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में जांच कर गुण दोष के आधार पर उचित कार्यवाही कर पीडि़त को न्याय दिलाये।