डौंडी:शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरडोंगर में प्राचार्य बी.के.बहुरुपी
डौंडी:शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरडोंगर में प्राचार्य बी.के.बहुरुपी के मार्गदर्शन में एवं वरिष्ठ व्याख्याता निर्मल ठाकुर के अध्यक्षता में विद्यालय में संचालित क्लब के माध्यम से मुख्यमंत्रीशाला सुरक्षा के मासिक कार्ययोजना अनुसार काऊंसलर संजय बंजारे के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें विद्यार्थियों को बारिश के मौसम विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं बाढ़,अतिवर्षा,ओलावृष्टि,जहरीले जीव जंतु सर्प,बिच्छु व कीट पतंग के काटने व उनसे सुरक्षा व बचाव तथा प्राथमिक सहायता के बारे में बताया गया।साथ ही आसमानी बिजली वर्जपात ,बीजली के करंट से सुरक्षा व बचाव संबधी उपाय सीखाए गए तथा जागरूकता कार्यशाला में नशामुक्ति कार्यक्रम चलाया गया जिसमें विद्यालय के कक्षा 10वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों और शिक्षक शिक्षिकाओं ने मिलकर नशा नाश का जड़ है विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ पक्ष में व्याख्याता के.आर .शोरी, बीरम मसियारे,सुमन बंजारे व लड़के विद्यार्थी ने नशा को नाश को जड़ मानते हुए इसे व्यक्तिगत व भारतीय समाज के लिए अभिषाप मानते हुए पारिवारिक कलह व विभिन्न प्रकार के दुर्घटना के वजह मानते हुए आर्थिक, शारिरिक,मानसिक अवसाद का जड़ माना साथ ही साथ भारतीय समाज में वर्तमान परिदृश्य में हो रहे महिला उत्पीड़न ,अमानवीय अत्याचार ,बर्बरता का वृहद व विहंगम दृश्य का मुख्य वजह मानते हुए इसे सनातन धर्म व देश के लिए एक घातक लाईलाज बीमारी के रुप में प्रकाश डाला गया। विपक्ष में व्याख्याता निर्मल ठाकुर,ईशु साहू ,आर.के,प्रजापति ,केशव मानकर व छात्राएँ ने नशा करने वाले के हालात व उनकी लत लग जाने के कारणों के बारे में अपनी बात रखे जिसमें मुख्य रुप से लोग आनंद के लिज एंजोयमेंट के लिए ,कुछ का घरेलु पारिवारिक कलह के धशवजह से अपने तनाव कम करने का साधन के रुप में कु बाजार में सस्ती कीमत पर उपलब्ध होने की वजह से कुछ लोग अपने स्टेटस मेंटेनेंस करने के लिए व कुछ लोग लोकाचार व पारिवारिक रस्म निभाने के लिए व कुछ का कैसा लगता है हम भी नशा करके देखे जैसे विचार की वजह से कुछ लोग अपने आदर्श जैसे नेता अभिनेता ,शिक्षक,चिकित्सक, पुलिस,जन प्रतिनिधि व बडे़ बूजूर्ग को नशे करते देख आकर्षित हो जाते।है और नशे की लत में पड़ जाते है इस तरह दो समूह में बंटकर नशा नाश का जड़ है के पक्ष व विपक्ष में रोचकता के साथ अपने बात रखे।अंतत:कार्यक्रम प्रंबधक संजय बंजारे ने दोनो वर्गो के विचारो को सम्मान पूर्वक विश्लेषण करते हुए अपने विद्यार्थियों और समाज को यह संदेश दिए कि नशा की आदत हमें चारित्रिक पतन की ओर ले जाते हुए यह
व्यक्तिगत नाश व पारिवारिक नाश के ओर अग्रसर करता है।नशा कल भी हमारे समाज के बुराई था,नशा आज भी समारे भारतीय समाज के लिए बुराई है और भविष्य में भी यह बुराई के रुप में रहेगा।हमें जल्द से जल्द से अपने व्यक्तिक्तगत स्तर,समाजिक स्तर पर पहल करते हुए साथ ही साथ अपने राज्य सरकारें और राष्ट्रीय सरकारों को समाज में व्याप्त नशाखोरी और धडल्ले से हमारे देश के भविष्य युवाओं को गिरफ्त में ले रहे इस लाईलाज बीमारी पर नियंत्रण हेतु कुछ ठोस कदम उठाने की दिशा में पहल करने का आग्रह किए।