November 19, 2024

MP में हो रही चीतों की मौत को लेकर सख्त हुई सरकार, उठाया ये कदम

श्योपुर: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की निरंतर मौत पर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्डलाइफ पीसीसीएफ) जसबीर सिंह चौहान पर गाज गिरी है। उनको वाइल्डलाइफ से हटाकर उत्पादन शाखा में भेजे दिया गया है। जसबीर चौहान की जगह असीम श्रीवास्तव को नया प्रधान मुख्य वन संरक्षक(वाइल्डलाइफ) बनाया गया है।

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में अब तक 5 चीतों एवं 3 शावकों की मौत हो चुकी है। बीते सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार को ही 2 नर चीतों (तेजस एवं सूरज) की मौत हो गई थी। तत्पश्चात, चीतों के गले में बंधे रेडियो कॉलर को लेकर सवाल उठने लगे। क्योंकि, दक्षिण अफ्रीका के एक चीता एक्सपर्ट ने मीडिया से चर्चा करते हुए दावा किया था कि रेडियो कॉलर की वजह से चीते सेप्टीसीमिया के शिकार हो रहे हैं। इसको लेकर सरकार का भी बयान आया है, जिसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि रेडियो कॉलर से चीतों की मौत के दावे किसी वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित नहीं हैं। यह बातें अटकलों एवं अफवाहों पर आधारित हैं। अफसरों के अनुसार, चीतों के सुरक्षा एवं अन्य मुद्दों के लिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्थानांतरित चीतों की गर्दन के चारों तरफ रेडियो कॉलर लगाए गए हैं।

वही अब तक 5 चीता सहित 3 शावकों की मौत हो चुकी है। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया एवं दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे, इनमें से नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। यहां 26 मार्च 2023 को नामीबियाई मादा चीता साशा की मौत किडनी संक्रमण के चलते हो गई थी। वहीं नर चीता उदय की मौत 23 अप्रैल 2023 को कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के चलते हुई थी। तत्पश्चात, दक्षा की मौत 9 मई 2023 को नर चीतों के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी। नामीबियाई मादा चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावकों में से एक की मौत 23 मई को, फिर 2 की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन से हो गई थी। मंगलवार 11 जुलाई को एक और दक्षिण अफ्रीकी चीता तेजस की मौत नामीबियाई मादा चीता नाभा (सवाना) के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी।