November 21, 2024

हड़प्पा सभ्यता की छाप दिखती है बस्तर के बेल मेटल में

1

रायपुर ,छत्तीसगढ़  के  बस्तर की बेजोड़ धातु शिल्पकला  बेल मेटल में 2500 ईसा पूर्व की हड़प्पा सभ्यता की छाप दिखाई देती  है। सिंधु क्षेत्र की कला में जैसे हाथी, घोड़े व देवी-देवताओं के चित्र मिलते हैं, वैसा ही चित्रण बेल मेटल में होता है।माना जाता है कि दंडकारण्य क्षेत्र के आदिवासियों के पूर्वजों का संबंध हड़प्पा सभ्यता से रहा होगा। इस कला से जुड़े शिल्पी आज भी मोम के सांचे में मेटल को ढालकर मूर्तियां बनाने का परंपरागत तरीका अपनाते हैं।इसे डोकरा (बुजुर्ग) आर्ट भी कहा जाता है जिसे जीई टैग हासिल है। यही वजह है कि देश-दुनिया में इस कला का डंका बजता है। बस्तर आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए यह खास आकर्षण है।बेल मेटल तैयार करने में पांच धातुओं क्रमश: पीतल, कांसा, एल्युमीनियम, जस्ता और तांबे का उपयोग होता है।पहले मिट्टी से कलाकृति बनाई जाती है। इसके ऊपर मोम के धागे बनाकर डिजाइन तैयार की जाती है। दोबारा मोम के ऊपर मिट्टी का लेप लगाकर इसे भट्टी में डालकर पकाया जाता है फिर धातुओं के मिश्रण को पिघलाकर द्रव रूप में इस सांचे में डाला जाता है। पूरी प्रकिया में करीब एक सप्ताह लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *