November 20, 2024

इस दिन रखा जाएगा हरतालिका तीज व्रत, शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ जानें यहां

 हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को सुहागनें हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। इसे हरतालिका अथवा हरितालिका तीज भी कहते है। भगवान शिव का नाम हर भी है, इसलिए इसे हरतालिका तीज कहते है, हालांकि एक पौराणिक कथा के अनुसार भी इसे हरतालिका नाम दिया गया है। इसी दिन सुख एवं सम्पन्नता के लिए महिलाएं हरगौरी नामक व्रत भी रखती हैं। इस दिन सुहागनें अपने पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य एवं सुखद ग़ृहस्थ जीवन के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। वहीं कुछ कन्याएं मनपसंद जीवन साथी पाने की लालसा से यह व्रत रखती हैं। मान्यता है कि भोलेनाथ इस व्रत एवं पूजा से अतिशीघ्र प्रसन्न होकर इच्छित मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं। इस वर्ष हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर 2023 सोमवार को रखा जाएगा।

हरतालिका सुहागन महिलाओं का सर्वाधिक कठिन व्रत है। हस्त नक्षत्र में रखा जानेवाला यह व्रत अमूमन सुहागनों द्वारा अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। लेकिन कुंवारी कन्याएं भी अपने मनपसंद वर की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखती हैं। इस दिन शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा अर्चना की जाती है। सुहागन महिलाएं नैवेद्य के साथ माता पार्वती को सुहाग के सारे चिह्न अर्पित करती हैं। शिव-पार्वती व्रतियों को अटल सुहाग का वरदान देते हैं।

पुराणों के अनुसार जब देवी पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थीं, लेकिन उनके माता-पिता पार्वती की शादी शिवजी के बजाय किसी और से कराने जा रहे थे, तब पार्वती जी की सखियां उन्हें हर कर (चुरा कर) हिमालय की कंदराओं में छिपा दिया। देवी पार्वती वहीं अपनी कठोर तपस्या में रत हो गई, इसलिए इसे हरतालिका तीज का नाम दिया गया।

तीज तिथि एवं शुभ मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया प्रारंभः 11.08 AM (17 सितंबर 2023, रविवार)

भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया समाप्तः 12.39 PM (18 सितंबर 2023, सोमवार)

उदया तिथि के अनुसार हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर 2023 को ही रखा जाएगा।

पूजा मुहूर्तः 06.00 AM से 08.24 PM तक पूजा का मुहूर्त बन रहा है।

चूंकि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के पश्चात ज्यादा फलदायी मानी जाती है, इसलिए जातक को 18 सितंबर को प्रदोषकाल में ही शिव जी की पूजा करनी चाहिए।