समाज में यहां भी घूम रहे है मायावी लोग, आवश्यकता है उन्हें पहचानने की – प्रेमप्रकाश पाण्डेय
आज संकल्प लें कि नशा व अपराध को समूल नष्ट करने में करेंगे यथासंभव भूमिका का निर्वहन
युवा खेल एवं सांस्क्रतिक मंडल द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दशहरा
आर्गर्निक बैंड जबलपुर द्वारा भक्ति में भजनों की प्रस्तुति देकर हजारों भक्तो को किया मंत्रमुग्ध
आईपीएल स्तर की आकाशीय रंगबिरंगी अतिषबाजी बेहद ही आकर्षण का केन्द्र रहा
भिलाई। युवा खेल एवं सांस्क्रतिक मंडल द्वारा सेक्टर 7 दशहरा मैदान में प्रतिवर्ष होने वाले विजय दशमीपर्व के 28वें वर्ष में हाई स्कूल मैदान में दशहरा पर्व बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान जहां आंध्रप्रदेश के काकीनाडा का आतिशबाजी व आईपीएल स्तर की आकाषीय रंगबिरंगी अतिषबाजी बेहद ही आकर्षण का केन्द्र रहा। जबलपुर का आर्गनिक बैंड के संगीतमय कार्यक्रम ने शमा बांधा और भक्ति गीतों व भजनों ने दर्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके भजनों व गीतों पर दर्षक देर रात तक झूमते रहे। इस संगीतमय कार्यक्रम की एंकरिंग एष्वर्या साहू ने किया। कार्यक्रम को और अधिक भव्यता प्रदान करने बॉलीवुड की तर्ज पर स्टेज बनाया गया था जिसमें लगे बडी एलईडी स्क्रीन, डिस्को लाईट व ट्रस को लोगों ने बहुत ही सराहना की।
इस भव्य दशहरा में मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय षामिल हुए। वहीं विषिष्ट अतिथि के रूप में ष्याममूर्ति राजू, समाजसेवी उदय राव, वैशाली नगर विधानसभा के भाजपा प्रत्याषी रिकेष सेन व श्रीराम जन्मोत्सव समिति के युवा जिलाध्यक्ष मनीष पाण्डेय उपस्थित थे। इस अवसर पर युवा खेल एवं सांस्क्रतिक समिति के अध्यक्ष चन्ना केशवलू ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और भिलाई दुर्ग की जनता को इस आयोजन को सफल बनाने में ह्रदय से आभार व्यक्त किया।
भगवान राम व माता दुर्गा से करता हूं प्रार्थना कि सभी के बच्चे बने संस्कारवान
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विजय बघेल ने भारी संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बडे ही भव्यता के साथ सेक्टर 7 में दषहरा का आयोजन किया जा रहा है। यहां उपस्थित सभी को प्रणाम करता हूं, युवा साथियों का अभिनंदन है, आप सभी को विजय दषमी की बधाई देता हूं और भगवान राम से प्रार्थना करता हूं कि सभी के जीवन में सुख सम्रद्धि हो, सब में एकता हैं, हमारी बोली पहनावे अलग है, तीज त्यौहार अलग है सभी लोग एक साथ भाईचारे का साथ हम यहां रहते है। सबके घर के बच्चे संस्कारवान बने ऐसी कामना मैं भगवान राम व माता दुर्गा से आषीर्वाद मांगकर करता हूं। वहीं मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने जोषिला नारा लगाया। इसके साथ ही युवा खेल एवं सांस्क्रतिक मंडल के अध्यक्ष चन्ना केषवलू और समिति के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं ।
यहां उपस्थित माताएं, बहने व युवा आज हम सभी विजय दषमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं, 9 दिन तक माता दुर्गा जी की आराधना व तपस्या करके तथा उपवास रखकर हमारे द्वारा षक्ति का अर्जन करते हैं। भगवान राम ने भी लंका पर चढाई की थी, इसके लिए उनके द्वारा भी महादेव सहित अनेकों देवताओं का पूजन किया गया था, ये उनको संषय था कि मैं लंका पर विजय प्राप्त कर लूंगा तो अंत में भगवान राम ने मां दुर्गा की अराधना की और उनके पूजन के लिए सौ कमल का फूल चढाना था लेकिन उसमें एक फूल कम था, माता ने कहा कि क्यों ना इनके साधना की परीक्षा ली जाये। भगवान राम अपनी आंख निकालने वालें ही थे तभी माता प्रकट हुई और भगवान श्रीराम को लंका पर विजयश्री का आषीर्वाद दिया। इसलिए भगवान राम को कमल नयन भी कहा जाता हैं। रावण जैसे बलषाली व अत्याचारी पर विजय भगवान राम ने प्राप्त की। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक वर्ष हम रावण दहन कार्यक्रम में ये जानकर भी आते और जाते है कि रावण का पुतला कागज का है, जल जायेगा, फिर भी हम अपने अपने साधनों से यहां पर आकर घंटो इंतजार करते हैं, कि कब ये पुतले का दहन होगा।
असत्य, अत्याचारी, दूराचारी के विरूद्ध सबकेे मन में भाव रहता है, कि सत्य हमेषा धर्म के साथ है, उन्होंने एक फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि फिल्म हम सभी देखते है जिसमें खलनायक कमजोर व पीडित के साथ मारपीट करता है, लेकिन नायक आकर खलनायक को जब सजा देता है तो हम भी खुष होते है, हम अन्याय, अत्याचार, दूराचार सहन नही कर सकते यही सनातन है। सनातम धर्म को मानने वाले लोग हमेषा सत्य, धर्म व न्याय के साथ खडे रहते है। सिनेमा भी यही कहता है। भाव असली हेै, इसलिए सनातन हमेषा रहे, अन्याय को जो लोग महसूस करते है। न्याय तडपता है, अन्याय के साथ रहते है फिर भी न्याय की इच्छा रहती है। बलषाली रावण का भाई विभिषण भी लंका में रहते हुए अन्याय को देख रहे थे और समझ रहे थे, विभिषण ने अंत में धर्म, अधर्म, सत्य और असत्य, अत्याचार व अंधकार के साथ खडे हुए रावण का अंत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मायावी रावण ने माता सीता का हरण किया था। जब युद्ध में भगवान राम उनके उपर बाण चलाते थे, चूंकि रावण मायावी था और उसके नाभि में देवी देवताओं से मिला वरदान अम्रत था। राम के बाण से रावण क्षतविक्षत होता था और फिर अपने रूप में आ जाता था, उसने सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर विषिष्ट सिद्धि प्राप्त की थी। राम रावण के चरित्र में ये फर्क था कि रामदल में मायावी लोग नही थी जबकि रावण के दल में मायावी लोग बडी संख्या में षामिल थे। रावण ने साधु के भेष में माता सीता का हरण किया था।
हनुमान जी जब संजीवनी बुटी लेने गये उस समय भी ये मायावी उनको रास्ता भटकाने का काम किया था। सनातन धर्म लगातार हजारों वर्षो से चला आ रहा रहा है और आगे भी बढ रहा है, आज यहां भी मायावी लोग समाज में घूम रहे हैं। समाज में इस राम के चरित्र को निभाने व उसकी संस्क्रति को मूलरूप से आत्मसात करने की आवष्यकता है। राम ने जो वन वन भटक कर तपस्या की थी वह कठिन तपस्या थी, रामचरित को मानने की परंपरा आज भी कायम है, रामभक्तों की संख्या बढ रही है, राम के स्वरूप को पहचानना जरूरी है। आज समाज में झूठ, नषा व अपराध का बेहद बोलबाला है। उन्होंने रावण के भाई कुंभकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि कुंभकरण युद्ध के लिए तैयार नही था, इसलिए उसको खूब नषा कराया गया जब वह नषे में डूब गया है तब युद्ध के लिए तैयार हुआ। नषा अपराध को प्रारंभ करने की पहली सीढी है। असुर लोग भी इस काम को करते थे, इसे समूल नष्ट करने की जरूरत है। भगवान राम लंका पर जीत के बाद 15 दिन पष्चात जब अयोध्या पहुंचे तो अंधकार को प्रकाष में बदल दिया। विजयदषमी के दिन यह संकल्प लें कि नषा व अपराध को समूल नष्ट करने में यथासंभव भूमिका का निर्वहन करेंगे तब सही मायने में विजय दषमी का पर्व मनाया जायेगा। विजय दषमी के 15 दिन पष्चात जब रामचंन्द्र जी अयोध्या पहुंचते है तब उत्सव होता है और अंधकार को प्रकाष में बदलते हैं , आपके अंदर व बाहर सारे अंधकार दूर हो।
इस अवसर पर विषिष्ट अतिथि रिकेष सेन ने कहा कि हमारे जीवन में वैभव, यष सम्रद्धि बनी रहे। विजय दषमी की सभी को बधाई देता हूं और भगवान राम से प्रार्थना करता हंू कि सभी के जीवन में यष बना रहे।
लोगों के नस नस में फैल रहा है बडे ही तेजी से सनातन-मनीष पाण्डेय
भिलाई मिनी इंडिया, यहां पूरे साल भर बडे ही धूमधाम से मनाया जाता है हर तीज त्यौहार
वही इस दौरान श्रीरामजन्मोत्सव समिति के युवा विंग के अध्यक्ष मनीष पाण्डेय ने कहा कि विगत सत्ताईस सालों से भव्य दहषहरा का आयोजन सेक्टर 7 के इस मैदान में किया जाता रहा है। 28 वें वर्ष में चन्ना केषवलू व उनके टीम को बधाई देने के साथ ही यहां आई माताएं, बहनें, भाईयों व बुजुर्गो को विजय दषमी की षुभकामनाएं देता हूं। उन्होनें आगे कहा कि आने वाली दिवाली हम सबको भव्य रूप से मनानी चाहिए क्योंकि हजारों साल जो स्वप्न सनातन धर्म में आस्था रखने वालों ने देखा था, कई स्वयं सेवकों ने अपनी जान निछावर की है सिर्फ इस चीज के लिए कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। आने वाली जनवरी 22 को हमारे देष के प्रधानमत्रं़ी नरेन्द्र मोदी नेे जो सकल्प लिया था और उनके उस संकल्प के कारण ही आने वाले समय में राष्ट्र और विष्व का मंदिर बनने जा रहा है, आस्थाओं का मंदिर बनने जा रहा है, इस लिए हम सब आने वाली दिवाली ऐसे मनाये जैसे रामजी अपने घर में वापस जा रहे है, अयोध्या में जा रहे है नही तो कई वर्षों में कई लोगों ने रामजी को टेंट में रखा हुआ था, लोग ये भी कहते थे कि वहां राममंदिर नही बनना चाहिए कि वहां पार्क, स्कूल हॉस्पिटल बनना चाहिए, लेकिन यह पीएम मोदी का ही संकल्प था कि सब आज सनातन धर्मियों का राममंदिर बन रहा है। भिलाई के बारे में जरूर ये बात कहना चाहूंगा भिलाई ऐसी नगरी है कि तीन सौ पैंसठ दिन चलती है, यह मिनी इंडिया है और इसे मिनी इंडिया इसलिए कहा जाता है कि यहां गणेष पूजा भी भव्य रूप से एक नही एक ही सडक में 8 आठ की संख्या में होती है। दूर्गा पूजा पहले एक होती थी अब उसकी संख्या भी लगातार बढ गई हैै। सनातन धर्म व पूजा पद्धितियां बढ गई है। लोग मान लिये है कि एक लोटा जल से भी काम चल जाता है तो मंदिर में भी संख्या में लगातार बढ गई है और रास डांडिया भी बढ गई है, जो लोग मानते है कि सनातन धर्म पर जो लोग टिप्पणी करते है, कहते है कि सनातन डेंगू व मलेरिया जैसा है तो उनको मैं कहना चाहूंगा कि बिल्कूल सनातन धर्म डेंगू से ज्यादा फैल रहा है और लोगों के नस नस में बस रहा है। सनातन धर्म के जितने आयोजन व उत्सव हो रहे है, पहले से हजार गुना अधिक हो रहे है, उन लोगों को तमाचा पड रहा है जो सनातन धर्म पर अगुंली उठाते है। हम लोगों को भी ऐसे पाखण्डियों को समझने की आवष्यकता है। जो लोग धनिया टमाटर व मंहगाइ में इन सब बातों में उलझाकर देष व राष्ट्र को दूसरी दिषा में ले जाने का काम कर रहे हैं। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हमारा राष्ट्र हिन्दू था, हिन्दु राष्ट्र है और रहेगा।
इस अवसर पर युवा खेल एंव सांस्क्रतिक मंडल के अध्यक्ष चिन्ना कषवलू, जी अमर, विनोद षुक्ला, षैलेन्द्र सिंह, एम इमानुएल, पदमनाबन, राजनारायण सिंह, सुनील श्रीवास्त, सुरेष कुमारी व श्री पाढी, वी षिवराम, प्रकाष राव, सुदीप अग्रवाल, टी षंकर, रविन्द्र सिंह, प्रीतम साहू, सुर्याराव, प्रसंगीराव, मडियादास, ब्रम्हा नायडू, संतोष सिंह, जोगेन्द्र कुमार, सुदीप अग्रवाल, कौषिक वर्मा, हरिषंकर चतुर्वेदी, एस प्रदीप कुमार, अजय साहू, हरीष, एम तेजस, अमित ठाकुर, बी प्रसाद, भूपेन्द्र बंजारे, राहुल उचारिया, ब्रजेष, षंभु षिवा, षेखर, सुधाकर, षिवा कुमार, सुदीपधर दीवान, गौरव कुमार, प्रषांत मिश्रा, रोहित सिंह, राजेन्द्र ठाकरु, अषोक कुमार, रवि सिंह, चंचल बेनर्जी, आकाष यादव, के रवि कुमार, राकेष वर्मा ,राजेष वर्मा, वेंकट, लालबाबू मेहतो, जे पी राजू, आनंद, रमेष उइकर, रामा राव, हिमांषु, आदित्य, देवेन्द्र सिंह, जगीरे सिंह, देवेन्द्र कुकरेल, देवेन्द्र कुमार, भूपेन्द्र कुमार, जोगेन्द्र कुमार, मलकीत सिंह, राकेष देषमुख सहित समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे जो कार्यक्रम को सफल बनाने में विषेष भूमिका का निर्वहन किये।
गांव के जीरो शहर म हिरो फिल्म के हिरो मनोज राजपूत भी शमिल हुए इस दशहरा पर्व में
इस अवसर पर एम आर ले आउट के डायरेक्टर से छत्तीसगढी फिल्मों के हिरो बने मनोज राजपूत
विषेष रूप से अपनी फिल्म के अन्य कलाकारों के साथ उपस्थित थे। मनोज राजपूत जो कि बिल्डर्स के बाद अब छत्तीसगढ सहित अन्य प्रांतों में नये अवतार के रूप में लोगों को दिखेंगे। इस दौरान मनोज राजपूत ने अपनी फिल्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छॉलीवुड की ये फिल्म दर्षकों के दिलों को छू जायेगी। इसमें सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। यह छत्तीसगढी फिल्म गांव के जीरो ष्षहर म हिरो जल्द ही टॉकीजों में प्रदर्षित होने वाली है। यह फिल्म छत्तीसगढ की सबसे मंहगी बजट वाली और एक अलग प्रकार की फिल्म है, इस फिल्म में दर्षकों को वह सभी चीजों मिलेगी जो एक सुपरहीट फिल्म के लिए आवष्यक है। मनोज राजपूत ने बताया कि इस फिल्म के डायरेक्टर उत्त तिवारी है जो कि कई सुपरहीट फिल्म दे चुके है और छॉलीवुड में उनका नाम चलता है।