जब देश का नाम हिन्दुस्थान है, तो हर कार्य हिन्दी मे ही होना चाहिए -ह्रदयनारायण
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद के संस्थापक ने कहा हिन्दी का परचम लहराने दुर्ग के ओमप्रकाश शर्मा कर रहे हैं बेहतर कार्य
हिन्दी को जन जन तक पहुंचाने 9 लाख से अधिक लोग कर रहे है काम
भिलाई। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद के चेयरमेन व संस्थापक ह्रदयनारायण मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हिन्दी को हम सभी सहयोग करें। ईस्ट, वेस्ट व नॉर्थ में हिन्दी अच्छी बोली जाती है,अभी भी कुछ राज्यों में हिन्दी सही ढंग से लोग नही बोल पाते है। हिन्दी को राष्ट्रभाष
बनाने के लिए हमारी संस्था के सदस्य व पदाधिकारी लगातार काम कर रहे हैं, हिन्दी भाषा एक ऐसी भाषा है, जिसे आसानी से बोल सकते है, समझ सकते है और लिख सकते है, और इसमें काफी मुधरता है। आज पूरे देश में 75 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं, हमारी संस्था 24 राज्यों में है, 9 लाख 70 हजार हमारे कार्यकर्ता व पदाधिकारी पूरे देश भर में है, जिसमें डेढ लाख नारी शक्तियों को बडा योगदान है। 4 देशों में हमारी ये संस्था काम कर रही है, 10 सालों से हमारी संस्था हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के क्षेत्र में काम कर रही है। जन जन तक हिन्दी को आगे बढाने के लिए काम करना है, सरकारी व निजी संस्थानों में सारे काम हिन्दी में हो, जब देश का नाम हिन्दुस्थान है, तो हर कार्य हिन्दी मे ही होना चाहिए। हिन्दी का परचम लहराने के लिए हमे काम करना हैं, भारत माता की आवाज हिन्दी को जनभाषा बनाने के लिए छग में दुर्ग के अधिवक्ता ओम प्रकाष शर्मा हिन्दी का परचम लहराने के लिए बेहतर कार्य कर रहे है, यह मिलनसार व्यक्ति के धनी है और छग में सौ से अधिक लोग हमारी संस्था से जुडे है।
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