पेंशनर बने छत्तीसगढ़ के 24 विधायक, टिकट कटने के बाद कहां रहेगी इन विधायकों का उपयोगिता ? जानें
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है, लेकिन इस बीच प्रदेश के कांग्रेस और भाजपा के 24 विधायक पेंशनर बन गए हैं। निवृत्तमान होने जा रहे विधायकों की टिकट पार्टियों ने काट दी, इसलिए माननीय अब वेतन भत्तों की जगह पेंशन पर आश्रित होने जा रहे हैं। आखिर क्या होगा इन 24 विधायकों का भविष्य, क्या कहती हैं इसे लेकर पार्टियां इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 2023 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों को मैदान से बाहर कर दिया जबकि भाजपा ने 13 में से 2 विधायकों को घर बैठा दिया। इस तरह 90 में से कुल 24 विधायक जनता की अदालत में जाने से पहले पार्टियों का भरोसा जीतने में ही विफल रहे। अब इनमें से कई विधायकों ने पेंशन प्रकरण के लिए विधानसभा में आवेदन करना शुरू कर दिया है। विधानसभा की नियमावली के मुताबिक विधानसभा का कार्यकाल खत्म होते ही इन विधायकों को वेतन, भत्ते, सुरक्षा और आवास की सुविधाएं मिलना बंद हो जाएगा। इसके बाद उन्हें नियमानुसार पेंशन की ही पात्रता रहेगी।
यही वजह है कि निवृत्तमान होने जा रहे माननीयों ने वेतन भत्ते बंद होने के पहले ही पेंशन के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। अब इन विधायकों की सियासी भूमिकाओं को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं आखिर टिकट से वंचित किए गए विधायकों का राजनीतिक भविष्य क्या होगा। इस पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई है। इसे लेकर सियासी दलों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं भी देखने मिल रही है, 22 विधायकाें की टिकट काटने वाली कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि पार्टी में हर किसी की भूमिकाएं बदलती रहती है, कुछ कार्यकर्ताओं को पार्टी ने विधायक बनने का अवसर दिया, अब विधायक भी अलग भूमिकाओं में नजर आएंगे। वहीं भाजपा के नेता भी कांग्रेस विधायकों की टिकट कटने को लेकर तंज कसते हैं।
छत्तीसगढ़ की सियासत में पहली बार ऐसा अवसर आया है कि पार्टियाें ने 24 विधायकों को टिकट से ही वंचित कर दिया, ऐसे में अब विधायकों के पास पेंशन लेने और सियासी अज्ञातवास काटने का ही विकल्प बचा है, यह देखना जरूर दिलचस्प होगा कि पार्टियां टिकट काटने के बाद इन विधायकों का कितना उपयोग करेगी और पेंशनर बने विधायकों का सियासी भविष्य क्या होगा।