CM रेस से खुद को बाहर बताने वाले शिवराज क्यों जा रहे हैं कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा?
मध्य प्रदेश में बीजेपी के अगले मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस के बीच, शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह शीर्ष पद की दौड़ में नहीं हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि वह बुधवार को कांग्रेस नेता कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा जाएंगे. इससे पहले मंगलवार को एक उन्होंने एक वीडियो मैसेज में कहा कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं है.
शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो मैसेज में कहा, ‘मैं एक कार्यकर्ता हूं पार्टी ने जब जो काम दिया उस काम को पूरी प्रमाणिकता ईमानदारी और जितना मुझमें सामर्थ्य था उस को झोंक कर काम पूरा करने का प्रयास किया है. मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा न आज हूं, एक कार्यकर्ता के नाते सदैव भारतीय जनता पार्टी मुझे जो भी काम देगी, उस काम को समर्पित भाव से अपनी संपूर्ण शक्ति, क्षमता, प्रमाणिकता से सदैव करता रहूंगा. मोदी जी हमारे नेता हैं और उनके साथ काम करने में हमने सदैव गर्व और आनंद का अनुभव किया है.
दिल्ली नहीं छिंदवाड़ा जाएंगे कमलनाथ
चौहान का वीडियो संदेश तब आया है जब सभी की निगाहें दिल्ली पर हैं, जहां बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों का फैसला करेगा. हालांकि मुख्यमंत्री का इरादा छिंदवाड़ा जाने का है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुतैाबिक मंगलवार को चौहान ने मीडिया कहा कि वह छिंदवाड़ा जाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। कल मैं छिंदवाड़ा जा रहा हूं, जहां हम सात विधानसभा सीटों में से एक भी नहीं जीत सके. मेरी प्रतिज्ञा है कि बीजेपी सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करे और कुल जीत की 29 कमल के फूलों की माला पीएम नरेंद्र मोदी जी को दी जाएगी, ताकि वह फिर से पीएम बन सकें। राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतना मेरा अगला लक्ष्य है.’
बता दें छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है. 1980 में कमलनाथ ने पहली बार मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. तब से अब तक इसी सीट से वह नौ बार सांसद चुने जा चुके हैं. पिछले चुनाव में उनके बेटे नकुल नाथ ने यह लोकसभा सीट जीती थी.