ब्लैक मैजिक का था शक, बेटों ने मां-बाप को मौत के घाट उतारा
अपने ही अपनों के दुश्मन बन बैठे. काले जादू के शक में बेटों ने ना सिर्फ अपने मां-बाप को मार डाला. बल्कि एक महिला आरोपी मे 10 साल की मासूम लड़की को भी मार डाला. मामला महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले का है. वैसे तो सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन उनकी इस हरकत से हर कोई हैरान है कि कैसे कोई अपने ही मां-बाप को मार सकता है.
गढ़चिरोली पुलिस के मुताबिक गुडनपुरी गांव में वारदात को अंजाम दिया गया. आरोपी रमेश और विनु ने अपने दूसरे रिश्तेदारों की मदद से पहले अपने बाप(देवू) को पीट पीट कर मार डाला. उसके बाद अपनी मां(बिच्छे) के गले को धारदार हथियार से काट दिया. यही नहीं बगल में सोई 10 साल की बेटी अर्चना तलांडी चीखने लगी तो उसका भी काम तमाम कर दिया.
काले जादू का शक
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हो गया था कि आरोपियों मे देवू को मार डाला. दरअसल देवू पारंपरिक आदिवासी पद्धति के जरिए मरीजों का इलाज किया करते थे. लेकिन कुछ मरीजों की मौत और दूसरे मरीजों की तबीयत में सुधार ना देख गांव वालों को लगा कि देवू इलाज की जगह पर काला जादू करता है. ऐसे में गांव वाले देवू के बेटों पर ना सिर्फ ताना मारते थे बल्कि यह भी कहा करते थे कि देवू इलाज नहीं बल्कि काला जादू करता है. देवू की वजह से ही मरीजों की मौत हुई है या मरीज स्वस्थ नहीं हो रहे हैं. गांव वालों ने देवू और उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया था. इसे लेकर उसके लड़के परेशान रहते थे.
पुलिस का क्या है कहना
गढ़चिरोली के एसपी ने कहा कि आरोपियों के साथ सख्ती से पूछताछ के बाद सच सामने आया. आरोपियों ने कत्ल के बाद तीनों के शवों को एक खेत में फेंक दिया था. हम इस संबंध में और साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं ताकि गुनहगारों को सजा दिलाई जा सके. पुलिस का कहना है कि इसके साथ ही इलाके में जनजागरण के जरिए लोगों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि काला जादू कुछ भी नहीं होता. यही नहीं लोगों से कहा जा रहा है कि अगर किसी को कोई परेशानी है तो वो पुलिस के सामने अपनी बात रख सकते हैं.