वित्तमंत्री … क्यों हर बार बजट से पहले बांटती हैं हलवा? क्या है इस Ceremony का मतलब
देश का बजट आने में बस कुछ दिन का समय ही रह गया है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री संसद में देश का बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी बजट होगा. इस बार का बजट वोट ऑन अकाउंट होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि हर बार बजट से पहले वित्त मंत्री बड़ी सी कढ़ाही में हलवा क्यों बनाती हैं? इसके पीछे क्या कारण है और कब से यह हलवा बनाने की परंपरा चली आ रही है.
हलवा सेरेमनी की परंपरा आज की नहीं है बल्कि यह आजादी से पहले से चली आ रही है. हलवा सेरेमनी बजट पेश करने की सभी तैयारियां पूरी होने के बाद किया जाती है. इस हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्रालय के तमाम अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं.
नहीं होंगे कोई बड़े ऐलान
पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट से पहले सभी को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन वित्तमंत्री सीतारमण ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि इस बार के अंतरिम बजट में कोई बड़े ऐलान नहीं किए जाएंगे.
कहां मनाई जाती है हलवा सेरेमनी?
हलवा सेरेमनी की ये परंपरा दशकों से चली आ रही है. यह परंपरा नॉर्थ ब्लॉक के नीचे बेसमेंट में बजट प्रेस में मनाई जाती है. हलवा बनने के बाद में ही बजट की छपाई शुरू की जाती है. जिस दिन हलवा बन जाता है उसके बाद से बजट छापने वाले कर्मचारी और अधिकारी वहीं रहते हैं.
10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक में बंद रहते हैं कर्मचारी
वित्त मंत्री सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक में बड़ी सी कढ़ाई में हलवा बनाती हैं. इसके बाद में हलवे को सभी लोगों में बांटा जाता है. हलवा सेरेमनी होने के बाद में ही वित्त मंत्रालय के 100 से ज्यादा कर्मचारी करीब 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बंद रहते हैं. उनको वहां से बाहर जाने की परमिशन नहीं होती है. वे सभी कर्मचारी वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद में ही वहां से बाहर निकल सकते हैं. यह इसलिए किया जाता है, जिससे बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी पहले लीक न हो.
मीठा खाना माना जाता है शुभ
जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में कोई भी शुभ काम करने से पहले मीठा खाना अच्छा माना जाता है. इस वजह से ही देश के बजट को पेश करने से पहले यह हलवा सेरेमनी मनाई जाती है