November 24, 2024

आपके मन को मोह लेंगी रामलला मंदिर की नई तस्वीरें

अयोध्या: अयोध्या के राम मंदिर की भव्यता और सुंदरता की कुछ और नई फोटोज देखने के लिए मिली है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही है। नई फोटोज में मंदिर के बाहर की भव्यता भी साफ़ दिखाई दे रही है। मंदिर के खंभों से लेकर हर हिस्से में की गई खूबसूरत नक्काशी का नजारा नजर आ रहा है।  राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर की ये नई फोटो शेयर की है। नई फोटोज में मंदिर के अंदर का नजारा भी दिखाई दे रहा है। मंदिर के अंदर की खूबसूरती और भव्यता इन फोटोज के माध्यम से दिखाई गई है। राम मंदिर का गर्भगृह कुछ ऐसे बनाया गया है कि 25 फीट दूर से श्रद्धालु भगवान राम की छवि निहार पाएंगे। दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी हैं।

तीन मंजिला राम मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया भी बनाई गई। मुख्य गर्भगृह में श्रीराम लला की मूर्ति है और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होने वाली है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर में 5 मंडप (हॉल) होंगे। जिसमे नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप। देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियां मंदिर के स्तंभों और दीवारों को सुशोभित भी करने का काम कर रही है। 32 सीढ़ियां चढ़कर श्रद्धालु सिंहद्वार से एंट्री कर पाएंगे। मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा रहने वाले है। मंदिर में दिव्यांग और बुजुर्ग तीर्थयात्री के लिए भी विशेष सुविधाएं हैं। रैंप और लिफ्ट भी हैं।

मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। जिसके साथ, 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण भी किया जा रहा है। यह तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करने वाला है।

1. मंदिर का पारंपरिक नागर शैली में निर्माण किया जा रहा है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है।
3. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे हैं। 44 दरवाजे हैं।
4. मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीराम का बचपन का स्वरूप (श्री राम लला की मूर्ति) है, जबकि पहली मंजिल पर श्रीराम का दरबार होगा।
5. पांच मंडप (हॉल) – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप।

6. देवी-देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियां खंभों और दीवारों पर उकेरी गईं हैं।
7. राम मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से है, सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर प्रवेश होने वाला है।
8. दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था भी देखने के लिए मिलने वाली है।
9. मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा होगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है।
10. राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे, इनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित होने वाला है। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।

11. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का बताया जा रहा है।
12. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या की पूज्य पत्नी को समर्पित होने वाले है।
13. राम मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में कुबेर टीला पर जटायु की स्थापना के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।
14. मंदिर में कहीं भी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है।
15. मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है।
16. मंदिर को जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का इस्तेमाल कर 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है।
17. मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है।
18. 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है, यह तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।
19.परिसर में स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, वॉशबेसिन, खुले नल आदि के साथ एक अलग ब्लॉक भी होने वाला है।
20. मंदिर का निर्माण पूरी तरह से भारत की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है। इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए किया जा रहा है और 70 एकड़ क्षेत्र के 70% हिस्से को हरा-भरा रखा गया है।