बसंत पंचमी आज, ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा; शुभ मुहूर्त के साथ जानिए इसका महत्व
बसंत पंचमी पर आज घरों, प्रतिष्ठानों व शैक्षणिक संस्थानों में विद्या, संगीत व कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह सात बजकर एक मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है। माघ महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। मंगलवार को बसंत पंचमी को लेकर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
मां सरस्वती की मूर्ति हुई स्थापित
पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक महासचिव अध्यक्ष सुभाष झा ने बताया कि राजपुर रोड स्थित साईं मंदिर में सरस्वती की मूर्ति स्थापित की गई है। सुबह पूजा-अर्चना के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके बाद संध्या आरती व सम्मान कार्यक्रम होगा।
कल होगा प्रतिमा का विसर्जन
भजन संध्या में मल्लिक मिथिला दरभंगा घराना के डा. प्रभाकर नारायण प्रस्तुति देंगे। गुरुवार को प्रतिमा का विसर्जन होगा। बिहारी महासभा के सचिव चंदन कुमार झा ने बताया कि राजपुर रोड स्थित श्री शिव रुद्र बालयोगी ट्रस्ट के प्रांगण में सरस्वती पूजन उत्सव मनाया जाएगा।
यह है मान्यता
आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा व माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी व देवी काली भी प्रसन्न होती हैं।
इस तरह करें पूजा
सुबह स्नान के बाद पीले अथवा सफेद रंग के वस्त्र धारण कर सरस्वती की पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति अथवा तस्वीर स्थापित करने के बाद गंगाजल से स्नान कराएं व पीले वस्त्र पहनाएं। पीले फूल, पीला गुलाब, धूप, दीप अर्पित करें। गेंदे के फूल की माला पहनाने के बाद पीले रंग की मिष्ठान का भोग लगाएं। सरस्वती वंदना, मंत्र व पूजा करें।