दुर्ग लोकसभा सीट से निरुपमा चंद्राकार की दावेदारी..
दुर्ग लोकसभा सीट पर कांग्रेस के लगातार संसद सदस्य रहे चंदूलाल चंद्राकार को बीजेपी के ताराचंद साहू ने हराया तब से लेकर अब तक बीजेपी ही जीतती आ रही है। बीच में एक बार फिर ताराचंद साहू के बागी होकर चुनाव लड़ने से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू कम मार्जिन से जीत गए। तत्कालीन सांसद रहे सरोज पांडेय को हार मिली। दुर्ग लोकसभा सीट को ओबीसी और महिला सीट केरूप में देखा जाता है। इसलिए अब होने वाले लोक सभा चुनाव में ओबीसी महिला की तलाश हो रही है। विजय बघेल ओबीसी हैं, 2019 का चुनाव अप्रत्याशित वोटों से जीते हैं, उसके बाद भी बीजेपी के 33 फीसदी आरक्षण के कानून बनने के बाद दुर्ग लोक सभा सीट पर ओबीसी महिला दावेदारों की बांछे खिल गई है। सबको लग रहा है कि कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पाटन विधान सभा चुनाव हारने के बाद बड़ी तेजी से दावेदार यह खबर फैला रहे हैं कि विजय बघेल को रिपीट नहीं किया जाएगा। हालांकि दूसरा प्रत्याशी देने की संभावना बहुत कम दिख रही है।
विजय बघेल नहीं तो फिर दूसरा कौन?
अविभाजित मध्यप्रदेश में जब भाजपा की ताकत काफी कम रही तब बीजेपी की एक मात्र ओबीसी महिला निरुपमा चंद्राकार काफी लोकप्रिय रही। निरुपमा चंद्राकार को 1993 और 1998 में क्रमशः खेरथा विधान सभा क्षेत्र में तत्कालीन धाकड़ नेता प्यारेलाल बेलचंदन और पाटन विधान सभा क्षेत्र से भूपेश बघेल से कम वोटों से हार मिली। (ज्ञात हो कि प्यारे लाल बेलचन्दन के पुत्र प्रीतपाल बेलचन्दन अभी बीजेपी में हैं। ) पिछले बीजेपी सरकार में निरुपमा चंद्राकार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की नामित डायरेक्टर रही। काफी अच्छा काम किया है। लेकिन बेटे की बीमारी के कारण कुछ वर्षों से वे सक्रिय राजनीति से दूर रही। बेटे की मृत्यु के कुछ दिनों के बाद से एक बार फिर वे सक्रिय राजनीति कर रही हैं। प्रदेश भाजपा के सभी प्रमुख नेता निरुपमा चंद्राकार को व्यक्तिगत रूप से अच्छे से जानते हैं। उनकी राजनीतिक क्षमता से भी परिचित हैं। जब मोदी जी तत्कालीन मप्र के छत्तीसगढ़ प्रभारी रहे वे भी नाम से परिचित हैं। निरुपमा चंद्राकार इस कोशिश में हैं कि यदि विजय बघेल को बदला जाता है तो उन्हें अवसर मिले। बीजेपी में टिकट लेने के कोई आवेदन प्रक्रिया नहीं है, पार्टी अपने स्तर पर प्रत्याशी चयन करती है। वैसे दुर्ग जिले के बीजेपी नेताओं से निरुपमा चंद्राकार काफी अच्छे से परिचित है। वैसे तो पूरे देश में राम लला लहर और नरेंद्र मोदी जी की जी जान से लगे रहने से दुर्ग लोक सभा से जिसे भी टिकट मिलती है, उसका जीतना 100 प्रतिशत तय है।
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