पापा तो चले गए पर उनसे किया वादा नहीं तोड़ा, श्मशान में आग देकर बोर्ड एग्जाम देने पहुंचा बेटा
घरवाले बड़ी उम्मीदों के साथ अपने बच्चों की पढ़ाई में खुद को भी लगा देते हैं. बच्चे भी अपनी तरफ से 100 पर्सेंट देने की कोशिश करते हैं. महाराष्ट्र के लातूर में दसवीं कक्षा का एक स्टूडेंट अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार को बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुआ. जिसके लिए उसकी चौतरफा तारीफ हो रही है. एक अधिकारी ने बताया कि रुशिकेष के पिता रामनाथ पुरी की अहमदपुर तहसील के उनके पैतृक गांव ढालेगांव में गुरुवार शाम को अचानक मृत्यु हो गई. अधिकारी ने कहा, “रुशिकेष लातूर तहसील के बोरी-सलगारा गांव में अपने मामा के साथ रहता है क्योंकि वह राजीव गांधी विद्यालय में पढ़ता है, जबकि उसका परीक्षा केंद्र बोरी गांव में जिला परिषद माध्यमिक विद्यालय में था.” उन्होंने कहा, “गुरुवार की शाम को पिता की मौत की जानकारी मिलने पर रुशिकेष ढालेगांव गांव गया. शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया.
रुशिकेष का एग्जाम सेंटर धालेगांव से 100 किलोमीटर दूर था और वह वहां नहीं पहुंच पाता, इसलिए लातूर डिविजनल बोर्ड के अध्यक्ष सुधाकर तेलंग और समूह शिक्षा अधिकारी बबनराव ढोकड़े ने यह सुनिश्चित किया कि वह गांव में ही परीक्षा दे.” अधिकारी ने बताया कि रुशिकेष ने अपने पिता को खोने के बावजूद परीक्षा में बैठने का जो संकल्प दिखाया, उसके लिए सभी ने उसकी प्रशंसा की.