November 24, 2024

परम पूज्य आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज जी के शिष्य निरंजन सागर महाराज जी का मंगल प्रवेश रूआबांधा

दिगंबर जैन मंदिर से श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ सेक्टर 6 में हुआ

जहां उपस्थित भक्तों ने उनको नमोस्तु करते हुए आशीर्वाद ग्रहण किया
Munishree Niranjansagarji
Maharajji
Ne
Apne
Pravachan me
Bataya
Ki
108 श्री परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी संत नहीं बल्कि राष्ट्र संत थे
आज पूरा विश्व उनको नमन करता है
हम सभी उनके बताए गए मार्गों पर चलते हुए उनकी अमृत वचनों को ध्यान में रखते हुए अपना जीवन यापन करें राष्ट्र के प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी जब पहली बार भोपाल में संपर्क किए थे तो वहां पर वह समिति के अनुरोध पर गए थे लेकिन जब छत्तीसगढ़ प्रवास में विगत दो महापूर्व आचार्य श्री से कमरे में चर्चा किया तो
आचार्य श्री को
Desh ke
Vikas ke liye

शिक्षा राष्ट्र गरीब जनमानस मानव सेवा और राष्ट्र के विकास के साथ महिलाओं के उत्थान के लिए हथकरघा
Jivdaya.
Goseva goushhala nirmaan.. Per jordete hue.
Sadev Rastrautthan
Per humko
Jankariya haasil hue.

और इस चकाचौं की दुनिया में उन्हें विश्व के सभी आविष्कारों की जानकारी थी .
और ज्ञान का भंडार था
उनसे बातें करते हुए जो मुझे
धर्म का संस्मरण तो हुआ ही साथ ही राष्ट्र विकास की ओर ले जाने के लिए

अनेक बातों पर उनसे दिल खोलकर मैं बात किया
और उनका आशीर्वाद भी ग्रहण किया

निश्चित ही वह बहुत अनमोल व्यक्तित्व के धनी महापुरुष हैं
उनका जाना राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा नुकसान है

और हम सभी को आचार्य विद्यासागर महाराज जी के समाधि मरण और उनके त्याग तपस्या का जीवन भर संस्मरण रहेगा.
मैं उनको नमन करते हुए राष्ट्र की ओर से और अपनी ओर से वंदन करता हूं

उनकी दी गई शिक्षा
Gyaan..को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा मोदी जी ने डोंगरगढ़ चंद्रगृह पधार कर आचार्य श्री संघ का वंदन तो किया ही
और जैन धर्म के ज्ञान और जैन दर्शन के बारे में भी बहुत गहराई के साथ अध्ययन किया था.
आचार्य विद्यासागर महाराज जी ने जैन दर्शन का नाम विश्व पटेल पर अंकित कर दिए हैं

वह आने वाले समय के तीर्थंकर भगवान के रूप में जान जाएंगे हम सभी उन्हें अपनी विद्न्यांजलि अर्पित करते हैं आचार्य श्री के सानिध्य में विगत अनेक वर्षों से अनेक तीर्थ क्षेत्र और धार्मिक क्षेत्र में पंचकल्याणक के साथ उनके आशीर्वाद से जिन मंदिरों का भी नव निर्माण हुआ था जिसमें अमरकंटक का मंदिर
कुंडलपुर का मंदिर
द्रोणागिरी में प्रथम मंदिर का शिलान्यास भी उनके सानिध्य में हुआ था
नेमावर में भी जिन मंदिर का नवनिर्माण किया गया था
और साथ ही भिलाई के Ruaaबांदा और चंद्रगृह तीर्थ क्षेत्र में भी नया जिन मंदिर का निर्माण हो रहा है
आचार्य श्री ने कभी भी अपने नाम का उल्लेख नहीं किया है.

और किसी भी तीर्थ क्षेत्र के नवनिर्माण और मंदिर के पटल पर उनका नाम अंकित नहीं है

और इस झूठे दिखावे की दुनिया में आप इन सभी दिखावे की दुनिया से बच्

और सात्विकता के साथ अपना जीवन जिए

आज त्रिवेणी जैन तीर्थ सेक्टर 6 में मंगल दर्शन के पश्चात उन्होंने अपना अमृत वचन देते हुए सभी उपस्थित भक्तों को आशीर्वाद दिया

इस अवसर पर ज्ञानचंद
Ji. Bakliwal
मुकेश जैन प्रदीप जैन बाकलीवाल जिनेंद्र जैन प्रवीण छाबड़ा डॉक्टर जिनेंद्र जैन राजीव जैन को सोमेश जैन राजेश जैन अनुपम जैन अजीत जैन भारत जैन सिंपी जैन रवि कासलीवाल मनीष जैन ने परम पूज्य मुनिराज निरंजन सागर महाराज जी के पद पद प्रक्षालन करते हुए नमोस्तु किया .