May 9, 2024

कांग्रेस की दबंग नेत्री गुरमीत धनई ने दी कांग्रेस से इस्तीफा…

आज धनई, सीमा बघेल सहित 55 कांग्रेसी हो सकते है भाजपा में शामिल

भिलाई। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहा है वैसे वैसे कांग्रेसी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने का क्रम बढते जा रहा है। कुछ साल पूर्व भिलाई महापौर निर्मला यादव, फिर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू, विजय साहू सहित अब कांग्रेस की दबंग और चर्चित नेत्री गुरमीत धनई भी रविवार को कांग्रेस से अपने पद सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दी। उन्होंने अपना इस्तीफा आज जिला कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया। इसके साथ ही गुरमीत धनई की भाजपा प्रवेश की अटकले तेज हो गई है। भाजपा सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार श्रीमती धनई के अलावा कांग्रेस नेत्री सीमा बघेल भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर जो पूर्व सीएम भूपेश बघेल की करीबी रिश्तेदार है वे और करीब 55 कांग्रेसी सोमवार 15 अप्रैल को भाजपा में शामिल हो सकते है।

गुरमीत धनई ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए इस्तीफा पत्र में लिखी है कि मेरे दादा जी जसवंत सिंह भामरा 1959 में कांग्रेस की रीति व नीति से प्रभावित होकर जुडे ओर उपाध्यक्ष सहित कई पदों पर कार्यरत रहे। मेरा पूरा परिवार कट्टकर कांग्रेसी रहा है, मैं अपने परिवार के साथ ही पिछले 30 सालों से छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सक्रिय सदस्य रही कांग्रेस से जुडकर से लेकर मेरे पिता जी कांग्रेस की रीति नीति से प्रभावित होकर तन मन और धन से लेकर सभी चीजों से कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने के साथ ही कांग्रेस के लिए पूरी निष्ठा से अब तक कार्य करते आये है। कांग्रेस ने मुझे अब तक जितने भी पद व जिम्मेदारियां दी है मैं उसे पूरी ईमानदारी के साथ करते हुए कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का कार्य करती रही लकिन कांग्रेस का वर्तमान में कांग्रेस के रीतियों नीतियों व सोच में गंभीर परिवर्तन के कारण मैं अपने आप को अब कांगे्रस में असहज महसूस कर रही हूं इसलिए मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रही हूं।

ज्ञातव्य हो कि श्रीमती धनई पूर्व में कांग्रेस की प्रदेश प्रतिनिधि, खेलकूद प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष, इस्पात मंत्रालय के इस्पात उपभोक्ता परिषद,छग प्रदेश भारोत्तोलक संघ की प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग, अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक ओलम्पिक बिजिंग चीन 2008 के साथ पंजाब चुनाव में 2009 में लोकसभा पर्यवेक्षक के पद पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निर्वहन कर चुकी है। श्रीमती धनई के कांग्रसे छोडने से कांग्रेस को बडा नुकसान हो सकता है।